रायबरेली-आलू और सरसों के फसल की किसान करें निगरानी , तत्काल दवा का करें छिड़काव

रायबरेली-आलू और सरसों के फसल की किसान करें निगरानी , तत्काल दवा का करें छिड़काव

-:विज्ञापन:-



   रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार - रायबरेली -मौसम के बदल रहे मिजाज का असर सरसों और आलू की फसल पर पड़ रहा है । सरसों में माहू और आलू में झुलसा रोग से किसान परेशान है । किसानों को सलाह दी जाती है कि वह लगातार अपनी फसल की निगरानी करते रहें और कहीं भी गड़बड़ी देखें तो सावधान हो जाए ।यह बात भारत किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता नफीस इदरीसी ने कही ।
     ऊंचाहार के कजियाना निवासी इदरीसी ने कहा कि जिले में जनवरी महीने में तापमान लगातार नीचे ऊपर जा रहा है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 5 से 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। इस मौसम में आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ जाता है ।रोग लगने पर फसल काफी प्रभावित होती है ।जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। गौर करने वाली बात यह है कि जिले में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है ।नुकसान से बचने के लिए किसान भाइयों को सतर्क रहने की जरूरत है। मरे हुए पौधों से यह रोग तेजी से फैलता है। दिसंबर व जनवरी में पारा गिरने के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग लग जाता है। खरपतवार वह जो पौधे मरे हुए होते हैं उसी के कारण रोग पैर पसार लेता है। जिसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है। क्योंकि रोग से पौधों की वृद्धि रुक जाती है ।इस मौसम में कीटों के फैलने का भी खतरा रहता है।बचाव न करने से फसल चौपट हो जाती है ऐसा जिले में  आलू की फसल में देखने को मिल रहा है। जिससे किसान काफी चिंतित है । उन्होंने बताया कि इस समय आलू में पछेती अंगमारी या पछेती झुलसा का प्रकोप बढ़ जाता है। इससे फसल को नुकसान हो जाता है। किसानों को सतर्कता बरतते हुए फसल का निरीक्षण करते रहना चाहिए।जिन क्यारियों में कुछ पौधे मरे हुए हो या फिर खर पतवार के अवशेष दिखाई देते हैं, तो उसे खेत से निकलकर बाहर फेंक देना चाहिए ।ताकि आलू की फसल में इस रोग को पसरने से रोका जा सके । आलू की फसल को रोग से बचाव के लिए उपाय हेतु जब फसल एक महीने की हो जाए तो  मैंकोजेब 75 फीसदी फफूंदी नाशक करीब 800 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ खेत के हिसाब से छिड़काव करें।