रायबरेली-कार्तिक पूर्णिमा स्नान में हैं बड़े रोड़े, गड्ढों में सड़क और तट पर लगी सरिया के कारण बड़ी दुश्वारियां

रायबरेली-कार्तिक पूर्णिमा स्नान में हैं बड़े रोड़े, गड्ढों में सड़क और तट पर लगी सरिया के कारण बड़ी दुश्वारियां

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       रिपोर्ट-सागर तिवारी



ऊंचाहार-रायबरेली - दीपावली के बाद अब लोक आस्था के बड़े पर्व कार्तिक पूर्णिमा को लेकर लोगों में उत्साह है । कार्तिक पूर्णिमा को दस दिन शेष बचे है ।  क्षेत्र के गोकना गंगा घाट पर तीन दिवसीय विशाल मेला आयोजित होगा , किंतु इस बार इस लोक आस्था की राह में बड़ी दुश्वारियां है । सड़क पर गड्ढे है तो गंगा घाट पर लगी सरिया बड़ा रोड़ा बनी हुई है ।
    ज्ञात हो कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर क्षेत्र के गोकना गंगा घाट पर तीन दिवसीय विशाल मेला आयोजित होता है। इस मेले में न सिर्फ आसपास के लोग शामिल होते हैं, अपितु  अमेठी ,सुल्तानपुर ,प्रतापगढ़ और फतेहपुर जनपदों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा मेले में पहुंचते हैं। इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा करते हुए कई दिन पहले से मेला स्थल पर पहुंचना शुरू हो जाते हैं। परिक्रमा करने वालों का क्रम देवोत्थानी एकादशी से शुरू होता है ,जो कार्तिक पूर्णिमा तक चलता रहता है, लेकिन इस बार  गंगा घाट तक जाने वाला मार्ग बदहालहै ।इस मार्ग पर बड़े-बड़े खतरनाक गड्ढे बने हुए हैं, ऐसी दशा में मेला दर्शनार्थियों, श्रद्धालुओं और परिक्रमा करने वालों के लिए बड़ी दुश्वारियां है। लोग गंगा तट तक कैसे पहुंचेंगे यह सवाल सभी के मन में कौंध रहा है । उधर गोकना गंगा घाट का पर्यटन विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण  कराया जा रहा है। करीब तीन करोड रुपए की लागत से होने वाले सौंदर्यीकरण का काम आधा अधूरा पड़ा है। बरसात के पहले  घाट का फाउंडेशन तैयार किया गया था। जिसमें बड़ी-बड़ी लोहे की सरिया लगी हुई है ।अब जब गंगा का जलस्तर कम हुआ है तो ,इन सरियों को पार करके जल आगे निकल गया है । अब इन्हें पार करके स्नान कर पाना बड़ी टेढ़ी खीर है। ऐसी दशा में श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर पाएंगे। गंगा घाट की वरिष्ठ पुरोहित जीतेंद्र द्विवेदी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा में स्नानार्थियों  के लिए पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किया गया फाउंडेशन बड़ी बाधा है। लोग किस तरह गंगा स्नान करेंगे ? इस सवाल को लेकर सभी चिंतित है, किंतु प्रशासन इस ओर  ध्यान नहीं दे रहा है। कार्तिक पूर्णिमा से पहले न तो गंगा तट तक जाने वाले रास्तों को दुरुस्त कराया गया है और न ही गंगा तट पर स्नानार्थियों के लिए कोई व्यवस्था की गई है। इस बात को लेकर जिला अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया था ,किंतु इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।