सर्राफा डकैती के आरोपित आजमगढ़ के अरविंद यादव पर लगा रासुका

सर्राफा डकैती के आरोपित आजमगढ़ के अरविंद यादव पर लगा रासुका

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सर्राफा डकैती में आरोपित अरविंद यादव उर्फ फौजी पर पुलिस द्वारा रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की गई है। यह आजमगढ़ जिले के फूलपुर थाने के चमराडीह का रहने वाला है।

आरोपित पर विभिन्न जिलों में कुल 37 गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध प्रतापगढ़ में एक, रायबरेली में चार, जौनपुर में छह, आजमगढ़ में सात तथा सुलतानपुर में 19 मामले दर्ज हैं।

28 अगस्त, 2024 को चौक के ठठेरी बाजार में भरत जी सोनी की दुकान में दिन-दहाड़े डाका पड़ा था। पांच नकाबपोश बदमाशों ने व्यवसायी पिता-पुत्र समेत दुकान में मौजूद अन्य लोगों को धमकाकर असलहे के बल पर एक करोड़ 35 लाख रुपये के आभूषण व तीन लाख रुपये लूट ले गए थे।

घटना के राजफाश के लिए एसओजी समेत अलग-अलग छह टीमें गठित की गई थीं। इसके अलावा एसटीएफ भी लगाई गई थी। मामले में अज्ञात समेत 15 आरोपितों के संलिप्त होने का मामला प्रकाश में आया था। इन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

मुख्य सरगना विपिन सिंह गैंग्सटर के मामले में न्यायालय में हाजिर होकर रायबरेली जेल चला गया था। तीन सितंबर को घटना में शामिल तीन बदमाशों सचिन, त्रिभुवन व पुष्पेंद्र को पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।

इसके बाद पांच सितंबर को कोतवाली देहात के मिश्रपुर पुरैना में एसटीएफ ने मुठभेड़ में जौनपुर के मंगेश यादव को ढेर कर दिया था। तत्पश्चात चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर 12 सितंबर काे जेल भेजा था।

इनमें रायबरेली के नयापुरवा के दुर्गेश प्रताप सिंह, आजमगढ़ के फूलपुर थाने के चमराडीह के अरविंद यादव उर्फ फौजी, अमेठी के मोहनगंज के विनय शुक्ल तथा भवानीनगर के विवेक सिंह शामिल थे।

इसके बाद 20 सितंबर को एक अन्य आरोपित जौनपुर के सिंगरामऊ थाने के लारपुर निवासी अजय यादव उर्फ डीएम को पुलिस व एसओजी टीम ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।

डकैती में वांछित एक और आरोपित अनुज प्रताप सिंह को उन्नाव में एसटीएफ ने 22 सितंबर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। एक अन्य आरोपित प्रतापगढ़ के आसपुर देवसरा थाने के हरिपुरा गांव के अंकित यादव उर्फ शेखर को एसटीएफ की टीम ने 29 अक्टूबर को प्रयागराज के छिवकी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की थी। शेष आरोपित पहले से दर्ज मुकदमों में जेल चले गए थे।