Raibareli-योग मन को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम : डॉ श्रीप्रकाश मिश्र

Raibareli-योग मन को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम : डॉ श्रीप्रकाश मिश्र

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रिपोर्ट-राहुल मिश्रा

रायबरेली।-योग भारतीय संस्कृति का मूल है। सुख और शांति के लिए ही सारी दुनिया के लोग धर्म के मार्ग का अनुसरण करते हुए दिव्य चेतना को जागृत करने का प्रयास करते हैं। दिव्य चेतना को ही  ब्रह्मा या परमात्मा कहा गया है। आत्म साक्षात्कार की प्रक्रिया का नाम ही योग है।
 यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र  के संस्थापक डॉ श्रीप्रकाश मिश्र ने मिशन  की जिला इकाई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आयोजित योग  सप्ताह के समापन समारोह में व्यक्त किए।
   डॉ मिश्र ने कहा योग का अर्थ होता है जोड़ना। भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि योग करने से आप अपने मन को परमशक्ति से जोड़ते हैं। योग जीवन में अनुशासन और धैर्य आदि का विकास करता है। योग का इतिहास बहुत ही पुराना है गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि योगा कर्मसु कौशलम। जिसका अर्थ  है कि योग से कर्मों में कुशलता आती है। 
   विशिष्ट अतिथि होमगार्ड जिला कमांडेंट बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि हमारे शरीर की आंतरिक संरचना अखरोट की तरह होती है। उन्होंने विभिन्न बीमारियों का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से बताया।  
जिला संयोजक प्रदीप पांडेय  ने कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन विगत 21 वर्षों से समाज के असहाय एवं निराश्रित बच्चों का धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में नि:शुल्क आवासीय शिक्षा सहित लोकमंगल के विभिन्न सेवा प्रकल्प को संचालित कर रहा है। हमें योग को जानना है। योग को जीना है। योग को पाना भी है, योग को अपनाना भी है और हमें योग को पनपाना भी है। 
 सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश पांडेय ने मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा किए जा रहे  कार्यों की सराहना की। 
योग प्रशिक्षक बृजमोहन ने सभी को योगाभ्यास कराया। इस मौके पर राजेंद्र अवस्थी, महेंद्र अग्रवाल, अंकुर गुप्ता, प्रवीण शुक्ला, शहजान मजहर, सना फारुकी, बृजेश कुमार सिंह, आरके सिंह, विजय सिंह बघेल, रमानाथ सिंह, संतोष त्रिपाठी, जंग बहादुर सिंह, ओम प्रकाश शर्मा, इंद्र कुमार, गिरीश कुमार मौजूद रहे।