रायबरेली में घुरवारा चौकी इंचार्ज हटे, दूसरे थाने से होगी जांच
रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
रायबरेली-सेवानिवृत्त फौजी इंदल सिंह की बेरहमी से की गई पिटाई का मामला तूल पकड़ने पर रविवार को घुरवारा चौकी इंचार्ज को हटा दिया गया। इस प्रकरण की विवेचना अब डलमऊ कोतवाली के बजाय अन्य थाने से कराई जाएगी।
पुलिस कर्मियों की ज्यादती की जांच सीओ सदर अमित सिंह को सौंपी गई है।
घुरवारा चौकी के अंदर सेवानिवृत्त फौजी इंदल सिंह के साथ मारपीट का मामला रविवार को और तूल पकड़ लिया। इंडियन वेटरंस आर्गेनाइजेशन के जनरल सेक्रेटरी एडवोकेट शैलेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष एसपी मिश्रा, सदस्य उमाशंकर सिंह, सीके शुक्ला की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह से मिला।
चौकी के अंदर सेवानिवृत्त फौजी के साथ बर्बरतापूर्ण तरीके से की गई पिटाई पर नाराजगी जताई। सभी ने चौकी प्रभारी हिमांशू मलिक के खिलाफ कार्रवाई करने और डलमऊ कोतवाली प्रभारी पवन सोनकर की भूमिका की जांच कराने की मांग रखी।
इस दौरान एसपी ने पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि सेवानिवृत्त फौजी व उसके परिवार के साथ अन्याय नहीं होगा। इस पर पदाधिकारियों का गुस्सा शांत हुुआ। एसपी ने बताया कि सेवानिवृत्त फौजी के साथ पिटाई के मामले में चौकी इंचार्ज को हटा दिया गया है। जल्द ही चौकी पर नए दरोगा की तैनाती होगी।
डलमऊ कोतवाली के बजाय इस मामले की विवेचना दूसरे थाने से कराने का निर्णय लिया गया है, ताकि किसी तरह के आरोप प्रत्यारोप न लगे। सेवानिवृत्त फौजी के परिवार के जिन लोगों के नाम फर्जी एफआईआर में लिखा दिए गए हैं, उन्हें हटाया जाएगा।
घुरवारा चौकी में हुए बवाल के लिए कौन दोषी है, इसकी जांच सीओ सदर से कराई जा रही है। सीओ की जांच रिपोर्ट में अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका सामने आई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। घर पर पुलिस जाकर किसी को परेशान नहीं करेगी।
यह था मामला
डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के सेंदुरामऊ गांव निवासी एवं सेवानिवृत्त फौजी इंदल सिंह के बेटे चाहत सिंह और घुरवारा निवासी राकेश सोनकर के बेटे शनिराज के बीच बृहस्पतिवार शाम किसी बात को लेकर मारपीट हो गई थी। पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को पकड़कर चौकी ले आई थी।
आरोप था कि सेवानिवृत्त फौजी ने साथियों के साथ पहुंचकर पुलिस कर्मियों पर पिस्टल तानने के साथ जानमाल की धमकी दी थी। बाद में सेवानिवृत्त फौजी की चौकी के अंदर पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से पिटाई की थी। प्रकरण में तीन एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले में पुलिस ने सेवानिवृत्त फौजी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था।
वायरल वीडियो खोल रहे पुलिस की ज्यादती
घुरवारा चौकी में बवाल के बाद रविवार को वायरल वीडियो पुलिस की ज्यादती खोल रहे हैं। वीडियो बता रहे हैं कि पुलिस कर्मियों ने किस तरह सेवानिवृत्त फौजी के साथ बर्बरतापूर्ण तरीके मारपीट की। एक वीडियो में दिख रहा है कि सेवानिवृत्त फौजी एक सिपाही के कंधे पर हाथ रखे है। सिपाही का कालर दूसरा कोई व्यक्ति पकड़े हुए है।
पुलिस दावा करती नजर आई कि सेवानिवृत्त फौजी ने सिपाही का कालर पकड़ रखा था। हालांकि, वीडियो में दिख रहा है कि कालर सेवानिवृत्त फौजी ने नहीं, बल्कि लाल शर्ट पहने एक व्यक्ति पकड़े हुए है। दूसरे वीडियो में पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त फौजी को जबरन घसीटते हुए चौकी के अंदर ले जा रहे हैं।
पुलिसकर्मियों की चूक से हो गया घुरवारा कांड
मामला महज दोनों पक्षों के बीच मामूली मारपीट का था, लेकिन पुलिस कर्मियों की थोड़ी सी चूक से न सिर्फ यह बवाल हो गया, बल्कि इस मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई। घटना के बाद चाहे फिर पुलिसकर्मी रहे हों या फिर स्थानीय पुलिस अधिकारी, मामले को समझने के बजाय उसे तूल देते रहे। यही वजह है कि सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस प्रकरण को लेकर एक्स करना पड़ा।
..तो न होती पुलिस की किरकिरी
चौकी में हुए बवाल के बाद पहले चौकी इंचार्ज ने प्रकरण को शांत कराने के बजाय सेवानिवृत्त फौजी को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद डलमऊ कोतवाली प्रभारी पवन सोनकर और फिर सीओ डलमऊ मौके पर पहुंंचे तो उन्होंने भी घटना को शांत कराने कराने के बजाय पुलिस कर्मियों को हमले को गंभीरता से लेते हुए ताबड़तोड़ एक्शन लेना शुरू कर दिया। सेवानिवृत्त फौजी के घर जाकर पुलिस ने उत्पात मचाया। यदि प्रकरण को चौकी में ही दोनों पक्षों को बैठाकर सुलझा लिया गया होता तो आज पुलिस की किरकिरी न ही होती।