रिटार्यड जजो को सिर्फ 15 हजार पेंशन ,CJI ने सरकार से कहा समाधान ढूढ़े

रिटार्यड जजो को सिर्फ 15 हजार पेंशन ,CJI ने सरकार से कहा समाधान ढूढ़े

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प्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बार फिर चिंता जताई कि भारत में जिला न्यायाधीशों को दी जाने वाली पेंशन दरें बहुत कम है. कोर्ट ने यह भी बताया कि जिला न्यायाधीशों को बाद में हाईकोर्ट में प्रमोशन किए जाने पर भी ऐसी कठिनाइयों का समाधान नहीं होता है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 2015 में ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस पहलू पर गौर किया था.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिला न्यायाधीश अपने कार्य वर्षों के अंत में लगभग 55-60 साल की उम्र में ही हाई कोर्ट के न्यायाधीश बन सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि वे अक्सर अपना पूरा जीवन न्यायपालिका में बिता देते हैं और उन्हें बताया जाता है कि जिला न्यायाधीश के रूप में उनके वर्षों को हाईकोर्ट के न्यायाधीशों पर लागू दरों पर पेंशन के भुगतान के लिए नहीं गिना जाएगा.

15 हजार रुपये पेंशन मिल रहा

शीर्ष अदालत ने कहा कि जिला अदालतों से सेवानिवृति के बाद कुछ न्यायिक अधिकारियों को सिर्फ 15 हजार रुपये पेंशन मिल रहा है. इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि वे कैसे अपनी आजीविका चलाते होंगे. इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की है.

अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से आग्रह

पीठ ने कहा कि जिला न्यायपालिका के संरक्षक होने के नाते हम अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से आग्रह करते हैं कि आप न्यायमित्र के साथ बैठकर इस समस्या का समाधान निकालें. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि कम पेंशन की शिकायतों को लेकर हमारे पास उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने वाले जिला जजों की दायर याचिकाओं का एक समूह है. हम उन्हें बताते हैं कि सेवा के प्रत्येक साल के लिए जजों को 96000 रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे, जो कि 8000 रुपये प्रति माह होता है.