Raibareli-शिवगढ़ रजबहा का क्षतिग्रस्त पुल दे रहा मौत को दावत

Raibareli-शिवगढ़ रजबहा का क्षतिग्रस्त पुल दे रहा मौत को दावत
Raibareli-शिवगढ़ रजबहा का क्षतिग्रस्त पुल दे रहा मौत को दावत

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रिपोर्ट-अमित अवस्थी


ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन ! की पुल की टूटी पैरापेट बनवाने की मांग

शिवगढ़-रायबरेली-सिंचाई विभाग की उदासीनता से बेड़ारु ग्राम पंचायत के सेरशन का पुरवा गांव के पास शिवगढ़ रजबहा का क्षतिग्रस्त पुल दुर्घटना को दावत दे रहा है। आक्रोशित ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुल की टूटी हुई पैरापेट बनवाने की मांग की है। गौरतलब हो कि सेरशन का पुरवा गांव के पास स्थित शिवगढ़ रजबहा के पुल की एक साइड की आधी पैरापेट करीब 5 माह पूर्व टूटकर रजबहा में गिर गई थी। पैरापेट टूटी होने के चलते

 राहगीरों, ग्रामीणों एवं पशुओं और बच्चों के रजबहा गिरकर दुर्घटना का शिकार होने की आशंका बनी रहती है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण ज्ञान सिंह यादव ने बताया कि पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते 4 दिन पूर्व मोटरसाइकिल सहित पिता पुत्री नहर में चले गए थे। जिसमें दोनों की जान तो बच गई किंतु पिता पुत्री जख्मी हो गए थे। इसके साथ ही सोमवार को एक दुधारू भैंस पुल से नीचे रजबहा में गिर गई थी जिसे कड़ी मशक्कत से ग्रामीणों द्वारा रस्से में बांधकर किसी तरह बाहर निकाला गया था। ग्रामीणों ने बताया कि रजबहा में पुल के पास काफी गहराई है 2 वर्ष पूर्व पुल के पास एक बाइक सवार के गिरने से उसकी मौत हो गई थी जिसका शव रजबहा में पानी के तेज बहाव के चलते 500 मीटर दूर मिला था। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि रजबहा की अधिक गहराई होने एवं पानी के तेज बहाव के चलते यदि कोई पुल से नीचे गिर गया तो उसकी जान भी जा सकती है। जल्द ही टूटे पैरापेट न बनाए जाने पर ग्रामीणों ने आन्दोलन की चेतावनी दी है। इस बाबत जब जेई रमाकांत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रजबहा के पुलों की टूटी पैरापेट एवं पुल और पुलियों के पास प्रोटेक्शन वॉल बनाए जाने के लिए एक साथ टेंडर उठा था। प्रोटेक्शनवॉल तो बन गई हैं किंतु ठेकेदार द्वारा अभी क्षतिग्रस्त पैरापेट नहीं बनाए गए हैं। वर्तमान समय में किसानों को पानी की सख्त जरूरत है इसलिए नहर में पानी बन्द नहीं किया जा सकता। क्षतिग्रस्त सभी पैरापेट बनाने के लिए ठेकेदार को सख्त निर्देश दिए गए हैं। नहर में पानी बन्द होते हैं पैरापेट बनाने का काम शुरू करा दिया जाएगा। ग्रामीण एवं राहगीर हादसे का शिकार ना हो तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।