रायबरेली-हुसैन को था भारत देश से प्यार , भारत की चाहत पर यजीद ने रोकी थी राह

रायबरेली-हुसैन को था भारत देश से प्यार , भारत की चाहत पर यजीद ने रोकी थी राह
रायबरेली-हुसैन को था भारत देश से प्यार , भारत की चाहत पर यजीद ने रोकी थी राह

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

पांचवी मुहर्रम पर हुई मजलिस , कर्बला की जंग की यादों से आंखे हुई नम 

ऊंचाहार-रायबरेली -मंगलवार को पांचवीं मुहर्रम पर ऊंचाहार कस्बे में कई मजलिसे हुई । जिसमें बाहर शहरों में रहने वाले ऊंचाहार के मूल निवासी लोग भी यहां पहुंचे और ग़म के माहौल में शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।मजलिसों में  कर्बला की घटना को याद करके हुसैन और उनके कुनबे की शहादत को नमन किया गया ।
     नगर के अली मुक्तदा के मकबरे में हुई  मजलिस में बड़ी संख्या में  लोग ही शरीक हुए । यहां पर हसनैन नकवी ने कहा कि आग से तपती रेत पर मासूम बच्चे , महिलाएं व बीमार आगे बढ़ रहे थे , दीन और इनाम की रक्षा के लिए उनके कदम रसूल के बताए रास्ते पर थे , लेकिन जालिम यजीद का कहर जारी रहा । भूख प्यास से तड़प रहे बच्चों पर भी जालिम ने रहम नहीं खाया । हुसैन भारत देश आना चाहते थे । उन्होंने यजीद से कहा था कि वह भारत जाना चाहते है , लेकिन जालिम ने उनकी राह रोक दी । ओवेश नकवी ने बताया कि हुसैन का भारत से गहरा रिश्ता था । भारत देश के हर हिन्दू , मुसलमान से उनको बहुत प्यार था । उनकी चाहत थी कि वह भारत आ जाए , लेकिन अतंकवादी यजीद जानता था कि भारत पहुंच जाने के बाद हुसैन महफूज हो जाएंगे , इसीलिए उसने उनको भारत नहीं आने दिया । उन्होंने कहा कि इस्लाम की रक्षा के लिए हुसैन ने अपने 72 लोगो की कुर्बानी देकर इस्लाम को मिटाने वाले यजीद की हस्ती को मिटा दिया । आज दुनिया हुसैन को याद करती है । जबकि यजीद का कोई नामलेवा नहीं है । उन्होंने पढ़ा कि " सिर गैर के आगे न झुकाने वाला , और नेजे पे भी कुरान सुनाने वाला , इस्लाम से क्या पुंछते हो कि कौन हुसैन , हुसैन हैं इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला । 
     उधर छठवीं मुहर्रम बुधवार शाम  को अली असगर के झूले को लेकर भी तैयारी चल रही है ।  इस अवसर पर मुख्य रूप से सुल्तान अब्बास , असद हुसैन , शाजू नकवी , आरिस नकवी , शानू नकवी , अजहर अब्बास नकवी  आदि मौजूद थे ।