दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने तोड़ा सात साल का रिकॉर्ड, केंद्र का दावा-पराली सबसे बड़ी वजह

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने तोड़ा सात साल का रिकॉर्ड, केंद्र का दावा-पराली सबसे बड़ी वजह

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दिल्ली-एनसीआर में पिछले सात दिन में वायु प्रदूषण ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। तीन नवंबर, 2023 से लेकर बृहस्पतिवार तक लगातार सात दिन ऐसे रहे, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार रहा।

इस दौरान हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। वर्ष 2016 में लगातार पांच दिन ऐसे थे, जब हवा गंभीर श्रेणी में रही थी।

वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों की बृहस्पतिवार को आपात बैठक हुई। इसमें संकट की मुख्य वजह पराली जलाने को माना गया। यह तथ्य भी सामने रखा गया कि बुधवार को वायु प्रदूषण में 38 फीसदी हिस्सा पराली का था।

स्मॉग टावर प्रदूषण का समाधान नहीं, केंद्र और टावर के पक्ष में नहीं
केंद्र सरकार प्रदूषण के समाधान में स्मॉग टॉवर प्रभावी नहीं मानती, न नए टावर लगाने के पक्ष में है। सचिवों की बैठक में केंद्र सरकार ने अपना यह रुख साफ किया, हालांकि आधिकारिक सूचना नहीं दी गई। दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2021 में दो स्मॉग टावर लगाए गए थे। कनॉट प्लेस में दिल्ली सरकार ने, जबकि आनंद विहार में केंद्र सरकार ने लगाया था।

  • गाबा ने राज्यों को निर्देश दिए कि पराली न जलाई जाए, यह तय करने के लिए डीसी/डीएम, एसएसपी और एसएचओ की जिम्मेदारी तय की जाए। वहीं, केंद्र भी पंजाब व हरियाणा में उड़नदस्ते भेजने की तैयारी में है।
  • आप सरकार की आपराधिक विफलता
    इस साल पराली जलाने की 93 फीसदी घटनाएं पंजाब में हुई हैं, जिस कारण दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर बन गया है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि आप सरकार किसानों को विकल्प उपलब्ध कराने में नाकाम रही। यह आप की आपराधिक विफलता है -भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री

    ग्रेटर नोएडा सबसे प्रदूषित, एक्यूआई 439
    मौसमी दशाओं के प्रतिकूल होने से लगातार आठवें दिन दिल्ली-एनसीआर में धुंध की मोटी चादर छाई रही। दिल्ली समेत ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम व फरीदाबाद का एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया।

    • सबसे प्रदूषित ग्रेटर नोएडा रहा। यहां का एक्यूआई 439 दर्ज किया गया। वहीं, 24 घंटों में दिल्ली का एक्यूआई 437 पर पहुंच गया। फरीदाबाद में 410, नोएडा में 394, गाजियाबाद में 391 व गुरुग्राम में 404 एक्यूआई दर्ज किया गया।

    कृत्रिम बारिश का खर्च उठाएगी दिल्ली सरकार

  • प्रदूषण से निजात के लिए कृत्रिम बारिश का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। सरकार ने दावा किया, केंद्र मदद दे, तो 20 तारीख को बारिश करवाई जा सकती है। सरकार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष भी रखेगी।

    • देर रात हुई बारिश, राहत की उम्मीद : दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बृहस्पतिवार देर रात बारिश हुई। इससे वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है।

    11 इलाकों में एक्यूआई 450 के पार, आंखों में जलन से परेशानी
    हवा की गति कम होने से पूरी दिल्ली में सुबह से ही स्मॉग की चादर छाई नजर आई। इससे लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हुई। राजधानी में सबसे अधिक नेहरू नगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम एक्यूआई दिलशाद गार्डन का 333 रहा। अधिकतर इलाकों में हवा का स्तर रेड जोन रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को नेहरू नगर समेत 11 इलाकों में एक्यूआई 450 के पार दर्ज किया। आरके पुरम व द्वारका सेक्टर-8 में 466, पंजाबी बाग व बवाना में 463, वजीरपुर व शादीपुर में 459, जहांगीरपुरी में 458, आईटीओ में 455, नजफगढ़ में 452, न्यू मोती बाग में 455, आनंद विहार में 450 रहा।

  • भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, बृहस्पतिवार को हवा दक्षिण-पश्चिम व उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर से चली। इस दौरान हवा की गति 4 से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा रही। दोपहर व शाम को हवा की दिशा बदलने ओर हवा की गति कम होने से प्रदूषण बढ़ गया। शुक्रवार को हवा दक्षिण-पूर्व से उत्तर पश्चिम दिशा से चलने का अनुमान है। इस दौरान हवा की गति 4 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे से चलेगी। ऐसे में हवा बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है जबकि सुबह के समय धुंध के साथ कोहरा छाने की आशंका है। शुक्रवार-शनिवार को कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। सफर इंडिया के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 की मात्रा लगभग 261 दर्ज की गई, जो कि गंभीर श्रेणी में है। वहीं, पीएम 10 की मात्रा करीब 426 दर्ज की गई, जो गंभीर स्तर है।

  • पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 93% मामले

    दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्य सचिवों की आपात बैठक हुई। बैठक में पंजाब को पराली जलाने पर तत्काल नियंत्रण के निर्देश दिए गए।

    बैठक के बाद जारी बयान में केंद्र सरकार ने कहा, 15 सितंबर से 7 नवंबर के बीच दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाने के 22,644 मामले सामने आए। इनमें से 20,978 पंजाब में (93 फीसदी) और 1,605 घटनाएं हरियाणा में (7 फीसदी) हुईं। यह तथ्य भी अधिकारियों के सामने रखा गया कि हरियाणा में धान कटाई 90 फीसदी पूरी हो चुकी है, जबकि पंजाब में अभी 60% कटाई ही हुई है। ऐसे में पंजाब में पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल ज्यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है।