स्वामी रामभद्राचार्य ने मनुस्मृति को बताया देश का पहला संविधान, तेजस्वी बोले-देशद्रोही हैं ऐसे लोग

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा मनुस्मृति को देश का पहला संविधान बताए जाने पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. टीवी9 डिजिटल बिहार बैठक के मंच पर शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा मनुस्मृति देश का पहला संविधान बताए जाने को देशद्रोह करार दिया.
उन्होंने सवाल किया कि मनुस्मृति में महिलाओं की क्या जगह है? मनुस्मृति में दलितों और पिछड़ों के बारे में क्या लिखा गया है और फिर लोगों को तय करने दीजिए कि क्या सही है और क्या गलत है.
उन्होंने सवाल किया कि देश आजाद कब हुआ? भारत-इंडिया देश कब बना? पहला संविधान बाबा साहेब आंबेडकर ने बनाया है तो मनुस्मृति पहला संविधान कैसे हो सकता है? यदि कोई मनुस्मृति को पहला संविधान बताता है तो वो संविधान विरोधी है. वो आंबेडकर के संविधान को नहीं मानेंगे. ऐसे लोग जो बयान दे रहे हैं, वो देशद्रोही हैं.
SIR कोई मुद्दा नहीं… बोले तेजस्वी यादव
वहीं, तेजस्वी यादव ने बिहार में SIR पर जवाब दिया. उन्होंने साफ कहा कि SIR कोई मुद्दा नहीं है. उन लोगों ने SIR की प्रक्रिया का विरोध किया गया था. उससे गरीबों का मत और अधिकार ही नहीं, बल्कि अस्तित्व छीना जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट में हमारी बहुत बड़ी जीत हुई है. आधार को डोक्यूमेंट बनाया जाए. इसकी वे लोग मांग कर रहे थे. अब 12वां डोक्यूमेंट आधार होगा. कहीं भी एसआईआर होगा तो आधार जरूरी होगा.
उन्होंने कहा कि 65 लाख वोटर का नाम कटा है. आप बताएं कि कौन ये वोटर हैं. हम शुरू से बात कह रहे थे. टाइमिंग को लेकर सवाल कर रहे थे. बाहर रह रहे बिहारी कैसे जुड़ेंगे? इस पर सवाल कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लोगों को राहत मिली और बड़ी जीत मिली है. सरकार जो योजना लाई, वो पूरी तरह से नकल है. और सरकार ने नकल किया.
चुनाव के बाद नहीं रहेगी नीतीश की पार्टी
उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार की क्या स्थिति है? उन्होंने 20 साल सरकार चलायी. नौ बार शपथ ली. 2012 से 2025 तक कोई स्थायी सरकार चली है क्या? विकास के लिए सरकार की स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है. बिहार को नए रास्ते चलना है तो मजबूत सरकार जरूरी है, जो पांच साल चले. चुनाव के बाद नीतीश जी की पार्टी नहीं रहेगी. अधिकारी सरकार चला रहे हैं. ये नीतीश कुमार वो नीतीश कुमार नहीं हैं, जो पहले थे.
उन्होंने कहा किहम लोगों को सीएम पद का लालच नहीं है. हम लोगों की दूसरी बड़ी पार्टी थी. सत्ता में बीजेपी नहीं आए, इसलिए नीतीश को स्वीाकर किया. ताकि सांप्रदायिक ताकत की वापसी नहीं हो.

