बुखार से जुड़वा नवजातों की मौत, 23 मरीज भर्ती

रिपोर्ट-केशवानंद शुक्ला
थम नहीं रहा बुखार, डेंगू व एईएस का प्रकोप, बढ़ रहे मरीजनाजुक हालत में नवजातों को जिला अस्पताल में कराया गया था भर्ती
पिछले 24 घंटे में जिला अस्पताल में आठ नवजातों समेत 23 मरीजों को बुखार व अन्य समस्या होने पर भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान जुड़वा नवजात की मौत हो गई। जिले में डेंगू, बुखार और एईएस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी सीएचसी में मरीजों को भर्ती करके इलाज के आदेश दिए गए हैं।
प्रतापगढ़ जिले के मखदूमपुर की रहने वाली अंकिता के जुड़वा नवजात को बीती 25 सितंबर को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिन तक इलाज के बाद दोनों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावा बृहस्पतिवार को शहर के तेलियाकोट निवासी सूफिया, रानीखेड़ा निवासी रीना, चौधरी का पुरवा निवासी स्वाती, धन्नीपुर निवासी अंजली, जगतपुर निवासी पूजा और चांदा निवासी गुड़िया के नवजातों को बुखार व अन्य समस्या होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इसके अलावा जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बुखार की चपेट में आने के बाद पहुंचे प्रिया (6), शिवरतन (27), आदर्श (7), विजय (65), कमल (45) सहित बुखार से ग्रसित 15 मरीजों को भर्ती किया गया है। मरीजों का इलाज विभिन्न वार्डों में चल रहा है। बृहस्पतिवार को छुट्टी के कारण 12 बजे तक ओपीडी होने के बाद भी मरीजों की भीड़ अपरान्ह एक बजे तक जिला अस्पताल में रही।
सीएचसी की इमरजेंसी में उपलब्ध रहें डॉक्टर
संक्रामक रोगों का प्रकोप बढऩे के बाद सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने सभी सीएचसी अधीक्षकों को इमरजेंसी में कम से कम एक चिकित्सक तैनात रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इमरजेंसी में मरीज के पहुंचते ही इलाज शुरू होने में देरी नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसी शिकायतें आएंगी तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएचसी अधीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों पर नजर भी रखें।
डॉ. महेंद्र मौर्या, सीएमएस जिला अस्पताल ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी में भी बुखार के रोगी बढ़े हैं। इसी कारण बुखार से संबंधित पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था की गई है। बच्चा वार्ड में दोनों बालरोग विशेषज्ञों से मरीजों का विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।-



