रायबरेली-भाजपा का सबका साथ, सबका विकास का नारा हुइ बेमानी साबित जाने क्यो,,,,,?

रायबरेली-भाजपा का सबका साथ, सबका विकास का नारा हुइ  बेमानी साबित जाने क्यो,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 


ऊंचाहार-रायबरेली- सबका साथ, सबका विकास का नारा यहां बेमानी साबित हो रहा है। छिपिया गांव की एक विकलांग व परित्यक्ता महिला अपने चार बच्चों का पेट पालने के लिए दर दर भटक रही है। लेकिन उसे कोई सरकारी इमदाद नहीं मिल रही है। पीड़िता पिछले कुछ सालों से मायके में चार बच्चों के साथ रह रही है।लेकिन उसका घर गिर जाने से वह बेघर हो दर दर भटकने पर विवश है। वह बच्चों के साथ कभी यहां कभी वहां खुले आसमान में बसर करने को विवश है। उसके पास खाने की समस्या भी है। एक मात्र सहारा उसकी मां व भाई भी बीमारी से जूझ रहे हैं। थक हार कर पीड़िता ने एसडीएम से आवास व भरण पोषण की बाबत गुहार लगाई है। 
तहसील क्षेत्र के गांव छिपिया मजरे इटौरा बुजुर्ग की एक विकलांग व परित्यक्ता महिला सुनीता (43) पुत्री राम उजैर ने एसडीएम को दिए पत्र में बताया कि वह पिछले कि 4 साल से मायके में बच्चों के साथ रह रही है। लेकिन घर गिरने से वह खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। उसके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। जिनमें आदर्श (12),  अर्पिता (10),अंकिता (8), आकाश (6) हैं। वह हाथ पैर से विकलांग है। उसके पति ने 4 साल पहले छोड़ दिया है। तब से वह मायके में रह रही है। घर गिरने के साथ उसे रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। मां व भाई बीमार रहते हैं। उनका घर में गिर गया है। पीड़िता बच्चों के भरण पोषण के लिए दर दर भटकने को मजबूर है। पीड़िता ने एसडीएम को पत्र देकर  आवास व भरण पोषण की व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है।