देश के युवा ही भारत का भविष्य -- दिनेश यादव
रायबरेली-देश के ग्रामीण अंचल में छिपी प्रतिभाओं को उभारने, समाज में युवाओं को खेल के प्रति रुझान बढ़ाने एवं युवा वर्ग को स्वयं का स्वास्थ्य उच्च कोटि का रखने के उद्देश्य से गत दिवस ग्राम पूरे विजय सिंह मजरे लोदीपुर उतरावा में सूबेदार गंगाधर यादव मेमोरियल वॉलीबॉल टूर्नामेंट का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह अवधेश यादव सब इंस्पेक्टर व समाजसेवी राकेश यादव के संयोजक एवं दिव्यंकार यादव के संचालन में संपन्न हुआl समारोह के मुख्य अतिथि नव चेतना जागरण मंच उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार यादव एडवोकेट पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता ने अपने संबोधन में कहा कि सूबेदार गंगाधर यादव का जन्म 15 दिसंबर 1941 को ग्राम पुरे विजई में हुआ था ,उनके पिता का नाम रामगुलाम था जो की आयुध फैक्ट्री कानपुर में कार्यरत थेl सूबेदार गंगाधर यादव 1958 में भारतीय सेवा ज्वाइन कियाl अपनी कर्मठता व सौर्य की बदौलत वह सूबेदार के पद पर सुशोभित हुए और उन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम बीoवीoगिरी ने सम्मानित किया था lसूबेदार गंगाधर यादव ने वर्ष 1962 में भारत- चीन युद्ध ,1965 में भारत - पाकिस्तान युद्ध एवं 1971 में भारत -पाक युद्ध में भाग लेकर बंग वाहिनी सेवा का नेतृत्व किया थाl 2 दिसंबर 2001 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी lवह बहुत ही कर्मठ और देश के प्रति वफादार थेl तथा समाज सेवा में भी उनका कोई सानी नहीं थाl वह बेलहनी इंटर कॉलेज के प्रबंध समिति के सदस्य थेl देश का युवा ही भारत का भविष्य इसलिए युवाओं को देश के नवनिर्माण में सूबेदार गंगा धर यादव से प्रेरणा लेना चाहिएl इस कार्यक्रम के संयोजक लोगों ने उनके नाम से टूर्नामेंट करके समाज को प्रेरणा देने का कार्य किया lइस टूर्नामेंट की प्रथम पारी में आरपी यादव पूर्व जिला अध्यक्ष ,राम सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, समाजसेवी राजेश चंद्र ,शेखर यादव ,पिंटू यादव ,मुन्ना ,सर्वेंद्र यादव ,इंजीनियर सुमित यादव, सरवन यादव, विनीत, पुनीत, विनीत आदि ने अपनी सहभागिता कीl अंत में पुरस्कार वितरण मुख्य अतिथि दिनेश कुमार यादव एवं सह मुख्य अतिथि गण योगेश यादव व ज्ञान प्रकाश यादव , देवेंद्र यादव द्वारा किया गया l प्रतियोगिता में विजई टीम केतनापुर की थी जिसे प्रथम पुरस्कार दिया गया एवं द्वितीय पुरस्कार लोदीपुर उतराव की टीम को दिया गयाl इस टूर्नामेंट में हजारों लोगों ने प्रतिभागिता किया और आनंद लियाl

