रायबरेली-रुक्मिणी को ब्याहने चले भगवान कृष्ण, श्रद्धा बनी घराती और बाराती,,,

रायबरेली-रुक्मिणी को ब्याहने चले भगवान कृष्ण, श्रद्धा बनी घराती और बाराती,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार -रायबरेली- दूल्हे के शृंगार में चित्त को हरने वाले भगवान कृष्ण जैसे ही रुक्मिणी को ब्याहने चले तो कुछ भक्तजन आराध्य के सखा बन बराती बन गए तो कुछ बरात का स्वागत करने वाले घराती। रुक्मिणी को बेटी बनाने और भगवान का दामाद बनाने की होड़ नजर आई।यह दृश्य मंगलवार को क्षेत्र के कबीर बाबा चौराहा के पास चल रहे श्रीमद् भागवत कथा प्रेमयज्ञ महोत्सव में रहा। 
      कथाव्यास पंडित विपिन पांडेय ने कंस वध और देवकी-वासुदेव से भगवान कृष्ण के मिलन का प्रसंग सुनाया। इस दौरान देवकी और कृष्ण के मिलन के वर्णन में कई महिलाओं की आंखें भर आईं। हरिआमे नमो नारायण, श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि। तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी। तूने भक्तों की नैया तारी तारी। भजन पर भक्तजन खूब झूमे। इसके बाद रुक्मिणी विवाह का प्रसंग हुआ। इस प्रसंग के लिए विशेष रूप से झांकी सजाई गई। झांकी में तुलसीजी की क्यारी भी रखी गई। विविध मिष्ठान्न, वस्त्र आदि भी झांकी में सजाए गए। विवाह के बाद महाआरती हुई और भक्तों में प्रसाद बांटा गया। बतौर यजमान सियाराम कौशल व उर्मिला कौशल ने पहले पाव पूजा। इनके अलावा पूर्व प्रधान लालचंद कौशल , पूर्व प्रधान माधुरी कौशल , गया कौशल , दिनेश कौशल , उमेश कौशल , बबलू कौशल ने भी माता रुक्मिणी और भगवान श्रीकृष्ण ने पाव पूजा । इस दौरान बड़ी संख्या के महिलाएं , बच्चे और अन्य लोग मौजूद थे ।