हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी का मंदिर मॉडल किया उद्घाटन, आदिविशेश्वर का बताया मंदिर, बीजेपी शासित प्रदेशों में शुरू होगा जनजागृति

हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी का मंदिर मॉडल किया उद्घाटन, आदिविशेश्वर का बताया मंदिर, बीजेपी शासित प्रदेशों में शुरू होगा जनजागृति

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वाराणसी.मां श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस की चल रही सुनवाई में ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर हाई कोर्ट द्वारा 3 अगस्त को फैसला सुनाया जाना है. वैज्ञानिक सर्वे के फैसले से पहले हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी के मंदिर मॉडल का उद्घाटन वाराणसी में किया.

रविवार को सांस्कृतिक संकुल में हिंदू पक्ष के वादिनी, अधिवक्ता और पक्षकार के साथ बीजेपी नेता उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए. बीजेपी की तरफ से उद्घाटन में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा के साथ तमाम स्थानीय बीजेपी नेता शामिल हुए.

बीजेपी चाहती है ज्ञानवापी का सच आए सामने, विश्वास के मॉडल को सच तक ले जाने की है कोशिश : मनोज तिवारी

वाराणसी में हिंदू पक्ष के द्वारा रविवार को ज्ञानवापी (आदि विशेश्वर) मंदिर का मॉडल के उद्घाटन में पहुंचे दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने दावा किया कि बीजेपी भी चाहती है कि ज्ञानवापी का सच सभी के सामने आए. मनोज तिवारी ने कहा कि पूरा विश्व जनता है कि जिस तरफ नंदी जी का मुख होता है, उधर शिव जी विराजमान होते है, लेकिन काशी ही एक ऐसी नगरी है, जहां नंदी का मुख शिव जी से दूसरी तरफ देखा जाता है, ऐसे में तो यही प्रतीत होता है कि जिधर नंदी जी का मुख है उधर शिव जी विराजमान है.

आज सभी के सामने आया मॉडल विश्वास का मॉडल है और इसे सच्चाई तक ले जाने की कोशिश है,जिसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है. मनोज तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी को लेकर जो लोग साजिश कर रहे है, वह अब घिर चुके है. अब इनको भागने का कोई भी मौका नहीं है,कानून की जो प्रक्रिया है सही दिशा में जा रही है. कुछ समय के सर्वे वह रोक सकते है, लेकिन सर्वे रोकना ही साबित कर देता है, कि चोर की दाढ़ी में तिनका है.

ज्ञानवापी में ASI सर्वे को धर्म नही विज्ञान के चश्मे से देखे लोग : कपिल मिश्रा

दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि यह मॉडल साबित करता है, कि मुगलों के द्वारा किस प्रकार का अत्याचार किया गया था. ज्ञानवापी में जो अवशेष बचे हुए है, वह बता रहे है कि यहां महादेव विराजमान है. सर्वे किए जाने के प्रश्न पर कपिल मिश्रा ने कहा कि सर्वे होने देना चाहिए,तभी पता चलेगा कि सच्चाई क्या है. किसी को भी इस मामले में वोट बैंक की राजनीति नही करनी चाहिए. ASI सर्वे को धर्म के चश्मे से देखने के बजाए विज्ञान के चश्मे से देखना चाहिए. ज्ञानवापी को लेकर जो लोग सवाल उठा रहे है और जिनके मन में शंका है, वह इस ज्ञानावापी के मॉडल को देखे उनकी शंका दूर हो जाएंगी.

बीजेपी शासित प्रदेशों में जाएगा ज्ञानवापी (आदि विशेश्वर) का मॉडल

ज्ञानवापी के मॉडल को बनने वाले आर.पी सिंह ने बताया कि यह मॉडल ज्ञानवापी मस्जिद से पहले मौजूद आदि विशेश्वर मंदिर का है. जिसे काशी खंड सहित तमाम पुस्तकों में उल्लेखन से बनाया गया है. जो साक्ष्य वहां मौजूद है और जिनकी तस्वीर उपलब्ध है, उन्हे आधार रखकर इस आदि विशेश्वर के मंदिर का मॉडल तैयार किया गया है.

हम सभी की इच्छा है कि न्यायालय से केस जितने के बाद ऐसा ही एक भव्य मंदिर ज्ञानवापी के पास बने. वही ज्ञानवापी मॉडल के उद्घाटन समारोह में पहुंचे हिंदू पक्ष के पक्षकार सोहन लाल आर्या ने बताया कि इस मॉडल को उत्तर प्रदेश सहित तमाम बीजेपी शासित प्रदेशों में ले जाया जाएगा. अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के लिए जिस प्रकार से जन जागृति किया गया था, वैसे ही काशी में आदि विशेश्वर के लिए देश के विभिन्न राज्यों में जनजागृति किया जाएगा.