सीएए को लेकर केंद्र सरकार पर भड़के सपा सांसद एसटी हसन, कहा- 'मुसलमानों को अलग किया गया'

केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके बाद सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी दल इसे लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, इस बीच यूपी की मुरादाबाद सीट से सपा सांसद एसटी हसन ने भी बीजेपी पर हमला बोला है.
सपा सांसद ने कहा कि सीएए एक ऐसा कानून है जिसमें धर्म के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है. एसटी हसन ने कहा, इस क़ानून में मुस्लिमों को अलग कर दिया गया है. हमें कानून को लेकर कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन ये सिर्फ धर्म के नाम पर हो रहा है.
एसटी हसन ने लगाया भेदभाव का आरोप
सपा सांसद ने कहा कि आपको मालूम है कि सरकार किस राह पर चल रही है. ये एक ऐसा क़ानून है जिसमें मुस्लिमों के साथ धर्म के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है. सरकार ने इसे लागू करने का फैसला भी जल्दबाजी में लिया है, अगर कानून बनाना ही है तो सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून होना चाहिए.
दरअसल सोमवार शाम को केंद्र सरकार ने नागरिक संशोधन अधिनियम को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इनमें मुस्लिमों को छोड़कर हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन समेत अन्य समुदाय के लोग शामिल हैं.
बीजेपी जहां इस कानून को पीएम मोदी की सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रही है वहीं कांग्रेस, सपा और बसपा समेत विपक्षी दल इस पर सवाल उठा रहे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे भटकावे की राजनीति बताया है तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोक सभा चुनाव से पहले इसे लागू करने पर कहा कि पहले केंद्र सरकार को इस पर लोगों के आशंकाओं और संदेह को दूर करना चाहिए था.

