अपनों से मिलना अंतरिक्ष की उड़ान जितना ही अद्भुत', पत्नी-बेटे से मिलते ही शुभांशु शुक्ला के छलके आंसू

धरती पर लौटे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की पत्नी कामना अपने पति के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित हैं और उनके साथ घर के बने खाने का लुत्फ उठाने एवं उनसे इस दुनिया से परे के जगत की कहानियां सुनने को आतुर हैं।
मित्रों और सहकर्मियों के बीच 'शुक्स' के नाम से जाने जाने वाले शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद मंगलवार को धरती पर लौटे। वह ISSस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।
परिवार से मिलकर इमोशनल हुए शुभांशु
अंतरिक्ष में 18 दिन अंतरिक्ष में बिताकर धरती पर लौटे शुभांशु ने दो महीने के क्वारंटीन के बाद अपने परिवार से मुलाकात की है। उन्होंने अपनी पत्नी कामना और 6 साल के बेटे कियाश के साथ इस मुलाकात की भावुक कर देने वाली तस्वीरें शेयर की हैं। इंस्टाग्राम पर तस्वीरें शेयर करते शुभांशु ने लिखा कि अंतरिक्ष की यात्रा करना एक अनोखा अनुभव है, लेकिन लंबे समय बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत होता है। मुझे क्वारंटीन में गए हुए 2 महीने हो चुके हैं। क्वारंटीन के दौरान जब परिवार मिलने आता था, तब हमें आठ मीटर की दूरी बनाकर रखनी पड़ती थी। मेरे छोटे बेटे को यह कहकर समझाया गया था कि उसके हाथों पर कीटाणु हैं, इसलिए वह अपने पापा को छू नहीं सकता।
पत्नी से मिलते हुए शुभांशु शुक्ला।
उन्होंने आगे लिखा है, ''हर बार जब वह मिलने आता था, तो अपनी मम्मी से पूछता, क्या मैं हाथ धो लूं? यह समय बहुत मुश्किल भरा था। जब मैं धरती पर लौटा और अपने परिवार को फिर से बाहों में लिया, तो ऐसा महसूस हुआ जैसे मैं फिर से अपने घर लौट आया हूं। शुभांशु ने लिखा, आज ही किसी अपने को गले लगाइए और कहिए कि आप उनसे प्यार करते हैं। हम अक्सर जिंदगी की भागदौड़ में इतना उलझ जाते हैं कि अपने करीबियों की अहमियत भूल जाते हैं। इंसानी अंतरिक्ष मिशन जादुई होते हैं, लेकिन उन्हें जादुई इंसान बनाते हैं।''
'शुभांशु से मिलना एक उत्सव की तरह है'
कामना ने कहा, ''जैसा कि शुभांशु सुरक्षित लौट आये हैं, हमारा पूरा ध्यान उनके पुनर्वास और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं कि वह धरती के माहौल में फिर से आसानी से ढल सकें। हमारे लिए शुभांशु की अविश्वसनीय अंतरिक्ष यात्रा के बाद उनसे फिर से मिलना अपने आप में एक उत्सव की तरह है।''
बता दें कि 25 जून को फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के लिए शुभांशु की रवानगी की तैयारी के बाद से कामना अमेरिका में हैं और वह इसकी भरसक कोशिश कर रही थी कि उनके पति को घर का बना खाना जरूर मिले। कामना ने कहा, ''मैं पहले से ही उनके कुछ पसंदीदा व्यंजन बना रही हूं। मुझे पता है कि अंतरिक्ष में अपने प्रवास के दौरान शुभांशु को घर पर बने खाने की कमी कितनी खली होगी।''
शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी पर भावुक हुए माता-पिता।
2009 में हुई थी शादी
शुभांशु और कामना की शादी साल 2009 में हुई थी। वे एक-दूसरे को कक्षा तीन से जानते हैं। उस वक्त वे दोनों लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में पढ़ते थे। कामना ने कहा कि शुभांशु द्वारा अंतरिक्ष में बिताए 18 दिन के दौरान उनके लिए उनसे फोन पर बात करना सबसे अहम रहा। उन्होंने कहा, ''अंतरिक्ष में पहुंचने के तुरंत बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से शुभांशु का फोन आना एक अप्रत्याशित और अद्भुत आश्चर्य था। उनकी आवाज सुनना और यह जानना कि वह सुरक्षित हैं, मेरे लिए बहुत मायने रखता था। हमारी बातचीत आमतौर पर उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों, उनके द्वारा किए गए अनोखे प्रयोगों और उन्हें वहां हो रहे उन असाधारण तजुर्बों के इर्द-गिर्द घूमती थी जो पृथ्वी पर जीवन से बिल्कुल अलग थे। ये फोन कॉल 18 दिन तक मेरे लिये सबसे अधिक अहम थे।''
इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाले बने सेलिब्रिटी
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाले शुभांशु अब एक सेलिब्रिटी बन गए हैं और उनके लखनऊ के त्रिवेणी नगर स्थित आवास और उसके आसपास उन्हें और उनके परिजन को बधाई देने के लिए पोस्टर लगे हुए हैं। कामना ने कहा, ''जहां पूरा देश शुभांशु की असाधारण उपलब्धि का जश्न मना रहा है, वहीं हमारा परिवार साथ बिताए शांत और निजी पलों को संजोए रखेगा। खुशी के ये पल और जानी-पहचानी कहानियां साझा करना, हंसी-मजाक करना और छोटी-छोटी खुशियों का मजा लेना ही जश्न मनाने का हमारा तरीका है।'' उन्होंने कहा, ''उनकी घर वापसी व्यक्तिगत खुशी एवं राष्ट्रीय गौरव का एक खूबसूरत मिश्रण है और हम देश भर से मिले समर्थन और गर्मजोशी के लिए बेहद शुक्रगुजार हैं।''


