Raibareli-आईएमए ने सत्यम हॉस्पिटल के घटनाक्रम को लेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस।

Raibareli-आईएमए ने सत्यम हॉस्पिटल के घटनाक्रम को लेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस।

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रिपोर्ट-शिवम त्रिवेदी
मो:8423408484



इंडियन मेडिकल एसोसिएशन 
रायबरेली द्वारा आई एम ए  भवन में 4:30 से प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सत्यम हॉस्पिटल की घटना पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने विस्तृत रूप से घटनाक्रम को प्रेस के सामने रखा घटनाक्रम इस प्रकार हैं कि 13 जून 2023 को बेबी राघव नाम से 2 महीने का बच्चा जिसका वजन 2 किलो 700 ग्राम था बुखार और लूज मोशन के साथ वजन न बढ़ पाने की शिकायत लेकर सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए आया उस समय बच्चे की कंडीशन अच्छी नहीं थी बच्चे की कंडीशन मरीज के अभिभावकों को भलीभांति समझाने के पश्चात बच्चे को भर्ती किया गया जांच में बच्चे मैं निमोनिया और सेपसीस की शिकायत पाई गई जिसका प्रभावी इलाज किया गया 3 दिन में बच्चे कि निमोनिया में सुधार होना शुरू हो गया जिसकी वजह से बच्चा दूध पीने लगा 16 तारीख के चिकित्सक के राउंड के समय बाएं हाथ की कोहनी पर थोड़ी सी ललाई दिखी एंटीबायोटिक पहले से चल रही थी और मरीज में सुधार हो रहा था इसको देखते हुए चिकित्सक द्वारा एंटीसेप्टिक क्रीम साथ में ललाई पर लगाने के लिए जोड़ दी गई 18 जून को ललाई और सूजन बड़ी हुई थी कालापन थोड़ा बड़ा दिखा तो मरीज के अभिभावक बच्चे को सर्जन डॉक्टर आरबी वर्मा की क्लीनिक पर दिखाने ले गए और उनकी राय ली और वापस बच्चे को सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया ललाई और बच्चे के काउंट बढ़े होने के कारण चिकित्सक द्वारा दवाएं और अपग्रेड कर दी गई जिससे कि बच्चे की सेहत में जल्द से जल्द और सुधार हो 20 जून को मरीज अपने बच्चे को जिला अस्पताल में सर्जन डॉक्टर जे के लाल को दिखाने ले गया उन्होंने मरीज को नेक्रोसिस की सफाई के लिए अगले दिन 21 तारीख को बुलाया 21 तारीख को मरीज अपनी मर्जी से बिना चिकित्सक कि राय लिए अस्पताल से अपनी मरीज की छुट्टी करा ली जिसे मेडिकल भाषा में लामा कहते हैं सत्यम हॉस्पिटल में जब तक मरीज भर्ती रहा उसका बिना लापरवाही के पूरा ध्यान रखा गया।22 तारीख को मरीज एम्स में भर्ती हुआ और 27 को मरीज फिर वहां से बिना चिकित्सक के राय के  वहां से अपने मरीज को लेकर चले गए वहां पर उसका इलाज किया गया। इस प्रकार यह मरीज पहले सत्यम और फिर एम्स से अपनी मर्जी से अपना मरीज ले गया 27 जून से 3 जुलाई तक मरीज ने कहां इलाज कराया किसी को नहीं पता।आई एम ए द्वारा करीब 27000 रूपए मरीज पर खर्च किए गए और डॉ अल्ताफ द्वारा करीब 7500 रूपए खर्च किए गए।आई एम ए अपने सदस्यों के साथ हमेशा खड़ा है।