पुलिस का नेटवर्क फेल या फिर...', देवरिया में हुए नरसंहार का जिम्मेदार कौन?
उत्तर प्रदेश के देवरिया में हुए नरसंहार ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। एक ही दिन में छह लोगों की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे ज्यादा जिस चीज की चर्चा है वो है पुलिस की कार्रवाई पर।
पुलिस अधिकारियों की जांच में भी यह बात सामने आने लगी है। जल्द ही पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की गाज गिरनी तय मानी जा रही है। पहले पुलिस के हर गांव में नेटवर्क मजबूत हुआ करते थे, गांव में अगर कोई आता था तो इसकी जानकारी पुलिस को हो जाती। अब पुलिस का लोकल नेटवर्क व सूत्र पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। जिसके चलते अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पुलिस का नेटवर्क पर केवल सर्विलांस व सीसीटीवी कैमरे बन कर रह गए हैं। नेटवर्क फेल होने का परिणाम ही लेहड़ा की घटना है।
पुलिस की लापरवाही पर उठ रहे सवाल
लोगों का कहना है कि जब प्रेम चंद्र यादव की हत्या हुई और इसकी जानकारी पुलिस को हो जाती तो एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या नहीं होती। दरअसल, प्रेम चंद्र की हत्या होने के 35 मिनट बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने दरवाजे पर चढ़कर हत्या की। खास बात यह है कि लेहड़ा से ढाई किलोमीटर दूरी पर पुलिस चौकी भी है। चौकी के पुलिसकर्मियों तक को इसकी भनक नहीं लगी। छह लोगों की हत्या के बाद इसकी भनक पुलिस कर्मियों को लगी। अगर पुलिस का नेटवर्क मजबूत होता तो इस तरह की घटना नहीं होती।
कहां था पुलिस का रीढ़ माने जाने वाला चौकीदार
पुलिस विभाग की सूचनाओं की रीढ़ माने जाने वाले हर गांव में चौकीदार हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या होने के बाद गांव का चौकीदार कहां था? अगर वह समय से पुलिस को सूचना दे देता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती?