पंजाब में एक ही दिन में पराली जलाने की 3,230 घटनाएं, हरियाणा में भी ख़राब हुई हवा; दिल्ली तक असर!

पंजाब में खेतों में पराली जलाने की 3,230 घटनाएं हुईं जो इस मौसम में अब तक की सबसे अधिक संख्या है. हरियाणा के बड़े हिस्से में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'गंभीर' की श्रेणी में दर्ज की गई. पंजाब दूर संवेदी केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में रविवार को 3,230 नयी घटनाओं के साथ ही इस मौसम में अब तक पराली जलाने की कुल 17,403 घटनाएं हुईं.
माना जा रहा है कि पंजाब में पराली जलाने का असर हरियाणा और दिल्ली तक आ रहा है, इससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो रही है. आंकड़ों के अनुसार नवंबर में खेतों में पराली जलाने के मामले इस मौसम में पराली जलाने की कुल घटनाओं का 56 प्रतिशत है. इस वर्ष 15 सितंबर से पांच नवंबर तक दर्ज की गई पराली जलाने की घटनाओं की संख्या हालांकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान दर्ज की गई घटनाओं से 41 फीसदी कम है. पंजाब में 2021 में इसी अवधि में पराली जलाने की कुल घटनाएं 28,792 हैं.
रविवार को पराली जलाने की 3,230 घटनाओं में से सबसे ज्यादा संगरूर में 551 घटनाएं हुईं. इसके बाद फिरोजपुर में 299, मनसा में 293, बठिंडा में 247, बरनाला में 189, मोगा में 179, तरनतारन में 177 और पटियाला में 169 घटनाएं हुईं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 375, मंडी गोबिंदगढ़ में 291, खन्ना में 255, पटियाला में 248 और लुधियाना में 243 दर्ज की गई. हरियाणा में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई. फरीदाबाद में एक्यूआई 450 ,फतेहाबाद में 442, कैथल में 434, हिसार में 427, गुरुग्राम में 402, जींद में 401, सिरसा में 390, रोहतक में 362, पानीपत में 346, कुरूक्षेत्र में 330 और करनाल में 319 रही.
पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में एक्यूआई 212 रहा. भयंकर प्रदूषण के चलते दिल्ली में कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. दिल्ली एनसीआर में ट्रकों सहित भारी वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, सरकारी और निजी दफ्तरों को आदेश दिए गए हैं कि 50 प्रतिशत लोग के लिए वर्क फ्रॉम होम सुविधा की जाये.
दिल्ली में प्राइमरी स्तर के स्कूल पहले से ही बंद किये जा चुके हैं. अब बड़ी क्लासेस के स्कूल भी बंद किये जा सकते हैं. पढ़ाई ऑनलाइन कराने को कहा जा सकता है. दिल्ली में निर्माण कार्य पहले ही बंद कराया जा चुका है.

