रायबरेली-उड़वा गांव में फर्जी दस्तावेज से जमीन हथियाने में न्यायालय ने रद्द की अग्रिम जमानत अर्जी,,,,

रायबरेली-उड़वा गांव में फर्जी दस्तावेज से जमीन हथियाने में न्यायालय ने रद्द की अग्रिम जमानत अर्जी,,,,
रायबरेली-उड़वा गांव में फर्जी दस्तावेज से जमीन हथियाने में न्यायालय ने रद्द की अग्रिम जमानत अर्जी,,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 
- 12 बीघा भूमि हड़पने के लिए लगाया था फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र 

ऊंचाहार/रायबरेली> तहसील क्षेत्र के उड़वा गांव की चर्चित  बारह बीघा जमीन हथियाने के लिए किए फर्जीवाड़े में न्यायालय ने मुख्य साजिशकर्ता की अग्रिम जमानत अर्जी को रद्द कर दिया है । यह मामला ऊंचाहार कोतवाली में पंजीकृत हुआ था । जिसमें 12 लोग आरोपित है।
    ज्ञात हो कि स्व. सीताराम पुत्र प्यारेलाल निवासी भरतपुर राजस्थान  की जगतपुर के उड़वा गांव में करीब 12 बीघा जमीन थी । इसमें शिव प्रकाश निवासी ब्राह्मण मुंहल्ला भरतपुर ने सीताराम का पुत्र बनकर उनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर भूमि अपने नाम दर्ज करा ली थी । इस साजिश में उड़वा ग्राम प्रधान रमेश मिश्र समेत स्थानीय लेखपाल और राजस्व निरीक्षक भी शामिल थे । बाद में जब मामले का खुलासा हुआ तो इससे संबंधित प्राथमिकी ऊंचाहार कोतवाली में दर्ज हुई । जिसमें उड़वा ग्राम प्रधान समेत कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था । प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जब पुलिस ने आरोप पत्र प्रस्तुत किया तब शिव प्रकाश ने  न्यायालय में अर्जी लगाकर गिरफ्तारी पर अग्रिम जमानत  मांगा था । इस बीच ऊंचाहार पुलिस ने मामले में विवेचना करके प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया । उधर  न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए याची के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य को देखते हुए उनकी अर्जी को निरस्त कर दिया है । यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि यह मुकदमा एसडीएम ऊंचाहार के आदेश पर दर्ज हुआ था । यह पूरा प्रकरण तब चर्चा में आया जब स्थानीय विधायक ने ग्राम प्रधान व सभी आरोपियों को दोषमुक्त करने की मांग करते हुए पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा और शिकायत करता कुंवर मोहित सिंह के विरुद्ध जांच विधान सभा को लोक लेखा समिति से कराई थी । अब जब न्यायालय ने दोषियों को राहत देने से इंकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी है तो मामले में सभी की गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है ।