बिजली चोरी पर सीएम योगी ने तलब किया जवाब, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने बिजली विभाग के प्रबंध निदेशक को लिखा पत्र

उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर हो रही बिजली चोरी और इससे राजस्व को पहुंच रही भारी भरकम क्षति को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। दैनिक जागरण में 20 अक्टूबर 2023 को 'घूसखोरी के चलते 5019 करोड़ की नहीं रुक रही बिजली चोरी' शीर्षक के प्रकाशित खबर पर सीएम योगी के निर्देश पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय प्रसाद ने यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक से जवाब-तलब किया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक से पूरे मामले की जांच करने और जांच की बाद की कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है। यूपीपीसीएल के एमडी ने मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश पर सभी विद्युत वितरण निगमों से दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का संदर्भ लेते हुए नियमानुसार कार्रवाई की अपेक्षा की है।
बता दें कि महंगी बिजली होने के बावजूद राज्य की बिजली कंपनियों वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। टैरिफ आर्डर से यह स्पष्ट हुआ है कि बिजली आपूर्ति के बावजूद कंपनियों को प्रति वर्ष 5019 करोड़ रुपये या यूं कहें कि प्रति माह 418 करोड़ रुपये का विद्युत राजस्व नहीं मिल रहा है। प्रदेश में बिजली चोरों को पकड़ने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विजिलेंस की पूरी टीम है लेकिन वर्षों से बिजली चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इस मामले में विभागीय अभियंताओं और विजिलेंस टीम की मिलीभगत भी उजागर हुई है। आगरा में बिजली चोरी के पकड़े गए एक मामले में दर्ज रिपोर्ट से यह संलिप्तता उजागर हुई है। आगरा में विजिलेंस टीम के दो सब इंस्पेक्टर, दो अवर अभियंता और एक कांस्टेबल के खिलाफ पिछले माह रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि आगरा में जिस तरह से दक्षिणांचल के एमडी के कड़े रुख से बिजली चोरी के मामले में विभागीय संलिप्तता उजागर हुई है उससे साफ है कि घूस लेकर बिजली चोरों को छोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि बिजली चोरी नहीं रुक रही है। वर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मिलकर बिजली चोरी रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलान की मांग की।
परिषद अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2017 से 22 के दरमियान बिजली चोरी के 3,22,970 मामले सामने आए थे जिसमें से 1,02,270 मामलों में ही एफआईआर दर्ज कराई गई। चालू वित्तीय वर्ष में कुल 1,76,159 मामले सामने आए हैं इनमें से मध्यांचल डिस्काम में 32,486, पूर्वांचल में 32,040, दक्षिणांचल में 46,618, पश्चिमांचल में 63,263 व केस्को में 1752 मामले बिजली चोरी के पकड़े गए हैं।

