Raibareli-सरेनी की कई ग्राम पंचायतों से आ रही भ्रष्टाचार की बू

Raibareli-सरेनी की कई ग्राम पंचायतों से आ रही भ्रष्टाचार की बू
Raibareli-सरेनी की कई ग्राम पंचायतों से आ रही भ्रष्टाचार की बू

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*प्रधानों व सचिवों ने नहीं किया दर्जनों ग्राम पंचायतों में विकास के लिए भेजे गए धन का सही उपयोग*

*किसी राजपत्रित अधिकारी के द्वारा यदि गांवों में निष्पक्ष तरीके से कराई जाए जांच तो खुलकर सामने आ जायेगा पूरा मामला*

*जांच कार्य न होने से सरकारी मशीनरी पर सन्देह उत्पन्न होना लाजमी*



रायबरेली-जनपद रायबरेली के विकास खण्ड सरेनी की कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं,जहां पर व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है!विकास खंड़ सरेनी के अंतर्गत दर्जनों ग्राम पंचायतों में विकास के लिए भेजे गए धन का सही उपयोग प्रधानों व सचिवों ने नहीं किया!कई गांवों के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि किसी राजपत्रित अधिकारी के द्वारा यदि गांवों में निष्पक्ष तरीके से जांच कराई जाए तो पूरा मामला खुलकर सामने आ जायेगा!गांव का विकास हो,गांव के लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर परेशान न होना पड़े इसके लिए ग्राम


 पंचायतों को धन दिया गया और तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है,लेकिन गांव के लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है!प्रधान व सचिव ऐसे लोगों को लाभ दे रहे हैं,जो उनके करीबी हैं!इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल रहा है और गांव में कराये गये कार्यों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठाई जा रही है!ग्रामीणों द्वारा गुपचुप बातों में चर्चा की जा रही है कि गांव में प्रधान सचिव ने खूब धन का बन्दरबांट किया है और प्रधान गांव में झांकने तक नहीं आ रहे हैं!ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि विकास के नाम पर लाखों रुपये डकार लिए गए!स्वच्छ भारत मिशन में भी जमकर धांधली हुई है!शौंचालयों में पीला ईंट का प्रयोग किया गया है और सभी शौंचालय मानक विहीन बनाए गये हैं!शौचालय बनवाने के लिए जो धनराशि स्वीकृत की गई है उसमें भी कमीशन खोरी की गयी है!साथ ही नाली निर्माण,जाब कार्ड़ व पीएम आवासों में गड़बड़झाला है!किन्तु लाभार्थियों को इसकी भनक तक नहीं है!सूत्रों की मानें तो कुछ लाभार्थियों



 का तो कागज पर शौचालय पूर्ण दिखाया गया जबकि जमीनी स्तर पर लाभार्थी को उसका लाभ तो छोड़िए इसकी जानकारी ही नहीं थी कि उसे शौचालय सुविधा का लाभ भी दिया गया है जो कि पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध है!विश्वस्त सूत्रों की मानें तो उक्त गांवों में स्ट्रीट लाइटों,हैड़पंप रिबोर,गौशालाओं व मनरेगा में जमकर खेल किया गया है!अब क्या सच क्या झूठ यह तो उच्चाधिकारियों की जांच का विषय है!जांच कार्य न होने से सरकारी मशीनरी पर सन्देह उत्पन्न होना लाजमी है