रायबरेली-साहब नहीं मिल रही डीएपी खाद,कैसे हो गेहूं की बुवाई*

रायबरेली-साहब नहीं मिल रही डीएपी खाद,कैसे हो गेहूं की बुवाई*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*डीएपी खाद के लिए किसानों में मचा हाहाकार*

*गेहूं फसल की बुआई के लिए किसान परेशान*

*ऐहार सहकारी समिति में डीएपी खाद के लिए लगती है किसानों की लम्बी कतार*

लालगंज-रायबरेली-हर तिहाई फसल के समय कुदरत का प्रकोप झेलने के बाद किसानों के समक्ष एक नई समस्या सामने आ गई है!अब जब गेहूं फसल की खेती का समय चरम पर है तो डीएपी खाद गायब है!खाद के लिए किसान दर-दर की खाक छान रहे हैं!ग्राम पंचायत ऐहार की साधन सहकारी समिति में डीएपी खाद के लिए रविवार को सुबह से किसानों की लम्बी कतार लगी दिखी!डीएपी खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है!साधन सहकारी समिति ऐहार,उमरामऊ,हसनापुर (बरस) में सरकार द्वारा स्थापित की गई समितियों में केवल मात्र मौजूदा समय में ऐहार में डीएपी खाद है लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रही है! क्योंकि तीनों समितियों के किसानों को इस समय गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी खाद की सख्त जरूरत है,जिसको लेकर किसानों में जैसे चर्चा होती है कि ऐहार ग्राम पंचायत की सहकारी समिति में डीएपी खाद आई तो है लेकिन सुबह ही सैकड़ों की तादाद में क्षेत्र के किसान एकत्र हो जाते हैं!जिनमें से कुछ के हाथ में बोरी लगती है,कुछ किसान मायूस होकर बैरंग अपने घर को वापस चले जाते हैं और कहते हुए दिल को तसल्ली देते हैं कि आने वाले समय में सरकार अगर गेहूं की बुवाई के समय खाद उपलब्ध कराएगी तो गेहूं बोया जाएगा अन्यथा ऐसे ही खेतों को छोड़ दिया जाएगा!योगी सरकार भले ही किसानों के हित की लाख बातें व दावे करती हो लेकिन अन्नदाता किसान डीएपी खाद की बोरी के लिए दर-दर भटक रहा है!सहकारी समितियों में जो खाद आ भी रही है वह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है!डलमऊ विकासखंड के सहकारी
समिति ऐहार में रविवार को हजारों किसान डीएपी खाद के लिए लाइन लगाकर डटे हुए दिखे!सचिव अखिलेश मौर्या ने किसानों को समझा-बुझाकर किसी तरह 400 बोरी खाद वितरित किया है!लेकिन 400 बोरी खाद हजारों किसानों के बीच में ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई है!किसानों ने बताया कि वास्तव में साधन सहकारी समितियों में असली खाद मिलने की उम्मीद रहती है,जिसके कारण किसान अधिकांशतः सहकारी समितियों के भरोसे ही रहते हैं!बाहर डीएपी खाद मिलती तो है लेकिन महंगी और नकली
होने की संभावना बनी रहती है! जिसके कारण किसान समितियों से ही खाद खरीदते हैं!जबकि क्षेत्र के उमरामऊ और हसनापुर (बरस) की सहकारी समिति में काफी समय से खाद नहीं आ रही है!जिसको लेकर वहां के किसानों को खाद के लिए दूसरी समितियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं!जबकि उमरामऊ साधन सहकारी समिति व हसनापुर साधन सहकारी समिति में सचिव कृष्णपाल वर्मा तैनात हैं!किसानों ने बताया ना तो वह समय से आते हैं और ना ही खाद उपलब्ध करा पाते हैं,जिससे किसानों को अन्य जगहों की सहकारी समितियों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है!वहीं खाद न मिलने से किसानों में आक्रोश भी दिख रहा है!