प्रेगनेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं करवा चौथ पर ध्यान रखें ये जरूरी बातें
रिपोर्ट-राहुल मिश्रा
करवाचौथ का व्रत हर सुहागन महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए बेहद श्रद्धा और प्यार से निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल सुहागनों का यह व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत एक बार शुरू करने के बाद बीच में छोड़ना नहीं चाहिए। यही वजह है कि महिलाएं प्रेगनेंट हों या ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली माताएं, इस व्रत को जरूर रखती हैं। लेकिन यदि आप प्रेग्नेंट हैं और बहुत जल्दी ही मां बनने वाली हैं तो आपको करवा चौथ के व्रत के दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं उनके बारे में।
-प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखने जा रही हैं तो आपको अपनी और बच्चे दोनों की सेहत को ध्यान में रखते हुए निर्जला व्रत न रखकर फलाहारी व्रत रखें।
-व्रत के दिन पानी न पीने की वजह से डिहाइड्रेशन हो सकता है। जिससे शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा गर्भ में पल रहे बच्चे को भी पानी की कमी से कोई समस्या हो सकती है । इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही करवाचौथ का व्रत करें।
-प्रेगनेंट महिलाएं सरगी के दौरान देर से पचने वाला भोजन बिल्कुल भी ग्रहण न करें।
-व्रत रखने से शरीर में कमजोरी आ जाती है, जोकि प्रेग्नेंसी में सही नहीं है। बेहतर होगा कि आप शाम के समय कुछ खा लें। ऐसा करने से मां और बच्चे को भी ग्लूकोज व आवश्यक तत्वों की कमी नहीं होती।
-लंबे समय तक उपवास रखने से सिरदर्द, थकान, बेहोशी, चक्कर आना और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपनी डॉक्टर से बात करें।
-महिलाएं व्रत के दौरान सारा दिन बैठी न रहें। परिवार में खुशी का माहौल रखें और काम करने के बजाए आराम करें। दिन के वक्त कुछ घंटे सो लें, चाहें तो किताबें पढ़ लें, म्यूजिक सुन लें, आराम करें। ऐसा करने से आपका दिमाग डिस्ट्रैक्ट रहेगा, आपको भूख भी नहीं लगेगी और व्रत कैसे निकल जाएगा पता भी नहीं चलेगा।