गांधी परिवार का गढ़ बचाने के लिए भेजे गए बघेल और गहलोत

गांधी परिवार का गढ़ बचाने के लिए भेजे गए बघेल और गहलोत

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)

मो-8573856824

कांग्रेस ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को क्रमशः रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्रों के लिए एआईसीसी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया है।

इसी के साथ गहलोत और बघेल को दोनों सीट पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का टास्क सौंपा गया है।

प्रियंका गांधी सोमवार से खुद रायबरेली और अमेठी में कैंप करने जा रही हैं। प्रियंका के साथ गहलोत और बघेल की ड्यूटी लगाने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस रायबरेली ही नहीं, राहुल गांधी की छोड़ी हुई अमेठी सीट पर भी डटकर चुनाव लड़ेगी। अमेठी में कांग्रेस ने सोनिया के प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को लड़ाया है, जबकि राहुल गांधी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्रमशः रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्रों के लिए एआईसीसी के वरिष्ठ पर्यवेक्षकों के रूप में भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रियंका गांधी ने पहले ही प्रचार की कमान संभाल ली है और सोमवार से मतदान खत्म होने तक वह रायबरेली और अमेठी में ही डेरा जमाए रहेंगी।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी सैकड़ों 'नुक्कड़ सभाएं', बैठकें और घर-घर अभियान कार्यक्रम आयोजित करेंगी। सूत्र ने कहा, "केंद्र रायबरेली होगा जहां वह एक गेस्ट हाउस में ठहरेंगी। बूथ प्रबंधन से लेकर आउटरीच तक, सब कुछ वह ही संभालेंगी।" सूत्रों ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और दशकों से गांधी परिवार के साथ पारिवारिक संबंध रखने वाले लोगों तक पहुंच शुरू हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि वह दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान की भी निगरानी करेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में सभी तक पहुंचने के लिए संगठन के विभिन्न स्तरों पर अभियान चलाया जाएगा। प्रियंका गांधी कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जैसे शीर्ष नेताओं के अभियान की योजना और शेड्यूल का भी ध्यान रखेंगी।

सूत्रों ने कहा कि वह लगभग 250-300 गांवों को कवर करेंगी और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को समान समय देंगी। फिरोज गांधी ने रायबरेली में जो मजबूत नींव रखी, उसे बाद में उनकी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मजबूत किया, उसके बाद गांधी परिवार के दोस्तों और सदस्यों ने 1967, 1971 और 1980 में यह सीट जीती।

अमेठी में मौजूदा भाजपा सांसद स्मृति ईरानी को टक्कर देने के लिए 25 साल बाद कोई गैर-गांधी परिवार का सदस्य मैदान में है। उल्लेखनीय है कि ईरानी ने 2019 में अमेठी में राहुल गांधी को 55,000 से अधिक वोटों से हराया था, जबकि रायबरेली में सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को 1,67,000 से अधिक वोटों से हराया था। राहुल गांधी सिंह का मुकाबला करेंगे, जिन्हें भाजपा ने फिर से मैदान में उतारा है।