रायबरेली-कार्तिक पूर्णिमा तीन दिवसीय मेले में खुद हुए पवित्र और गंगा को कर गए मैला

रायबरेली-कार्तिक पूर्णिमा तीन दिवसीय मेले में खुद हुए पवित्र और गंगा को कर गए मैला

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     रिपोर्ट-सागर तिवारी


ऊंचाहार - रायबरेली -कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर क्षेत्र के गोकना गंगा पर लगने वाला तीन दिवसीय मेला काफी कचरा छोड़ गया है । गंगा स्नान के लिए आए श्रद्धालु घाट पर गंदगी छोड़कर मोक्ष दायिनी के आंचल को मैला कर गए है। इससे साफ जाहिर है कि गंगा को निर्मल एवं साफ बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों का लोगों पर असर नहीं पड़ रहा है।
     गुरुवार से गोकना गंगा के तीन दिवसीय मेले का आगाज हुआ था।  शुक्रवार और शनिवार  को  कार्तिक पूर्णिमा  पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। गंगा के घाट पर जितनी आस्था मोक्षदायिनी के प्रति श्रद्धालुओं की दिखाई दी, उससे कहीं ज्यादा उसके प्रति लापरवाही भी यहां पर देखी गई। इसका उदाहरण मेला समाप्त होने के बाद रविवार को गंगा किनारे पर साफ नजर आया। तीन दिन तक कड़कड़ाती ठंड में सभी कामकाज छोड़कर मोक्ष पाने की कामना से गंगा किनारे पर डेरा डालकर रहे श्रद्धालुओं ने अपने आप को तो गंगा में स्नान कर पवित्र किया, परंतु मोक्षदायिनी के किनारे पर पॉलिथीन व अन्य कचरा छोड़ गए। श्रद्धालुओं की ऐसी लापरवाही को देखकर गंगा में आस्था रखने वाले श्रद्धालु भी आहत हुए। 

मेला समाप्त होते ही गायब हो गए सफाई कर्मी 

गोकना गंगा घाट कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले तीन दिवसीय मेला के लिए प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियां की गई थी।  गंगा तट पर साफ सफाई के लिए भारी भरकम सफाई कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी ।इन सफाई कर्मियों ने मेले के दौरान सफाई की औपचारिकता निभाई और मेला समाप्त होते ही सारे सफाई कर्मी गायब हो गए ।मां गंगा के तट की हालत यह है कि करीब 1 किलोमीटर की परिधि में फैला  मां गंगा का आंचल कचरे से भरा हुआ है ।जिससे न सिर्फ स्थानीय लोग परेशान है ,अपित मां गंगा के प्रति आस्था रखने वाले भी आहत है।