आपकी मैरिड लाइफ को बेहतर बनाते हैं ये 5 योगासन, ये है करने का सही तरीका

आपकी मैरिड लाइफ को बेहतर बनाते हैं ये 5 योगासन, ये है करने का सही तरीका

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रिपोर्ट-राहुल मिश्रा


शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए योगा करने की बात तो आपने कई लोगों के मुंह से सुनी होगी लेकिन क्या आपको पता है शादीशुदा जिंदगी को बेहतर बनाने में भी कई योगासनों का बहुत बड़ा योगदान है। कई बार बिजी लाइफस्टाइल और जरूरत से ज्यादा तनाव लेने की वजह से व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी महसूस होने लगती है, जिसका असर उसके शादीशुदा जीवन पर भी पड़ने लगता है और रिश्ते में खटास आने लग जाती है। ऐसे में अपने शादीशुदा रिश्ते में नयापन और खुशियां बनाए रखने के लिए आप कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। 
पद्मासन -
पद्मासन करने से मांसपेशियां, पेट, मूत्राशय और घुटनों पर असर होता है। इस आसन को करने से खिंचाव महसूस होता है और यौन शक्ति भी बढ़ती है। इसे करने के लिए रीढ़ की हड्डी सीधी करते हुए बैठें और पैरों को आगे की ओर फैला लें। अब दोनों पैरों को विपरीत जांघों पर रख दें। ध्यान दें, एड़ी पेट की ओर होने चाहिए। अब हाथों को मुद्रा की घुटनों पर मुद्रा की स्थिति में रखें। गहरी सांस लेते रहें।
भद्रासन बढ़ाए धैर्य-
भद्रासन ऐसा योगासन है जो व्यक्ति के भीतर धैर्य और एकाग्रता को बढ़ाता है। इस आसन का फायदा आपको जीवन के कई हिस्सों में होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। घुटनों को दूर रखें। पंजे ऐसे हों कि जमीन को छूते रहें। इस बीच हिप्स भी जमीन से छूते रहेंगे। हाथों को घुटनों पर रखें। 
व्हील पोज-
चक्रासन में कमर को बहुत आराम मिलता है। दिमाग भी तेजी से काम करता है और पॉजिटिविटी बढ़ती है। इस आसन में शरीर की आकृति चक्र जैसी बनती है। इसलिये इसको चक्रासन कहा जाता है। चक्रासन के अभ्यास से शरीर व रीढ़ लचीले होने के साथ यह कई क्रियाओं में मदद भी करता है।
सर्वांगासन-
सर्वांगासन के नियमित अभ्यास से थॉयराइड ग्रंथियां सक्रिय और स्वस्थ होती हैं। यह आसन एड्रिनल, शुक्र ग्रंथि और डिम्ब ग्रंथियों को मजबूत बनाता है। इसलिए इसे फर्टिलिटी बढ़ाने वाला योग माना जाता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पीठ के बल लेटें और कंधों के नीचे कोई सपोर्ट रख लें। अब टांगों को हवा में उठाएं। इस वक्त हाथों को कमर में लगा लें। इसमें कंधे, रीढ़ की हड्डी और हिप्स एक सीध में आ जाते हैं। 30 सेकंड से 3 मिनट तक इस स्थिति में रहें। इस आसन के बाद शव आसन करना जरूरी है। 
अनुलोम विलोम प्राणायाम-
पद्मासन को करते समय सुखासन में बैठकर नासिका से सांस भरते हैं। बाईं नासिका से भर कर दाईं से निकाल देते हैं। ऐसा दोनों नासिका से करते हैं। इस प्राणायाम के 15 से 20 चक्र का अभ्यास करने से उत्तेजना, स्ट्रेस बैलेंस होने के साथ सेक्सुअल लाइफ भी ठीक होती है।