राहुल गांधी की पदयात्रा बढ़ा सकती है कर्नाटक में भाजपा की मुश्किलें, येदियुरप्पा-बोम्मई भी करेंगे दौरा
रिपोर्ट-रोहित मिश्रा
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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में भाजपा की दिक्कतें बढ़ा सकती हैं। बीते साल बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भाजपा अपने अंतर्विरोधों से जूझ रही है। ऐसे में कांग्रेस को विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस यात्रा से नई मजबूती मिल सकती है। हालांकि, भाजपा ने भारत जोड़ो यात्रा के जबाब में अपने येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की जन संकल्प यात्रा शुरू कर दी है।
कर्नाटक का कांग्रेस के लिए बड़ा राजनीतिक महत्व भी है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने 1977 में करारी हार के बाद कर्नाटक के चिक्कमंगलूर से ही संसद में फिर से प्रवेश किया था और उसके बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी भी हुई थी। यहां पर कांग्रेस की जड़ें काफी मजबूत हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राज्य में एक नया संदेश भी जाएगा। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी की पद यात्रा और अन्य कारक उसे काफी मजबूती प्रदान करेंगे और पार्टी विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी।
दक्षिण के इस एकमात्र राज्य में भाजपा सत्ता में है। यहां पर उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ही है। कांग्रेस के पास भी दक्षिण में फिलहाल कर्नाटक ही उम्मीद की किरण है, जहां वह सत्ता में वापसी कर सकती है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस में विधानसभा चुनावों को लेकर जबर्दस्त संघर्ष देखने को मिल सकता है। इससे राज्य में सबसे ज्यादा नुकसान जद (एस) को हो सकता है, जो फिलहाल राज्य में तीसरा राजनीतिक ध्रुव है।
52 विधानसभाओं का दौरा
कर्नाटक में अगले साल अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं। बोम्मई और येदियुरप्पा 25 दिसंबर तक 52 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। जन संकल्प यात्रा का उद्देश्य राज्य और केंद्र की भाजपा सरकारों के कार्यक्रमों, कार्यों और नीतियों को लोगों तक पहुंचाना है। भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक संदेश भी भेजना है कि वे पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के संकल्प के साथ चुनाव की तैयारी करें।