रायबरेली-जिला अस्पताल में चल रही क्लबफुट क्लीनिक का एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक और सीईओ ने किया दौरा

रायबरेली-जिला अस्पताल में चल रही क्लबफुट क्लीनिक का एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक और सीईओ ने किया दौरा

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 
मो-8742935637




रायबरेली-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत क्लबफुट से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल में अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट और  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) फाउंडेशन के सहयोग से क्लिनिक चल रहा है | इसी क्रम में बृहस्पतिवार को एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय प्रकाश ने एसबीआई फाउंडेशन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पीडब्ल्यूडी की टीम के साथ क्लिनिक का भ्रमण किया |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया कि क्लबफुट को खत्म करने के लिए अनुष्का फाउंडेशन ने क्लबफुट कार्यक्रम को लागू करने के लिए राज्य सरकार के साथ साझेदारी की। संस्था राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना के तहत  आशा कार्यकर्ताओं, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ मिलकर ऐसी बीमारी से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया करा रही है | 
आरकेएसके के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटेरवेंशन सेन्टर मैनेजर नितेश जयसवाल ने बताया कि क्लबफुट एक जन्मजात दोष है जिसमें एक या दोनों पैर अंदर की ओर मुड़े होते हैं | यह बच्चों में विकलांगता का प्रमुख कारण है। यह 800 नवजात बच्चों में से एक के जीवन को प्रभावित करता है। भारत में हर साल 33,000 बच्चे क्लबफुट के साथ पैदा होते हैं। समय से इलाज न करने या अधूरा इलाज करने से बच्चे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। क्लबफुट का पूरी तरह से इलाज संभव है और उसे आजीवन विकलांगता से बचाया जा सकता है | 
एसबीआई फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक ने कहा कि दूरस्थ  क्षेत्रों में रह रहे वंचित समुदाय के लोगों को सेवाएं  प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ संगठनों और सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया है ताकि | स्थानीय स्तर पर समाधानकिये जा सके । अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट  से ग्रसित बच्चों को पाँच साल तक मुफ्त उपचार प्रदान करता है, जिससे किसी भी तरह की कमजोरियों को कम किया जा सकता है | इस दौरान टीम ने मरीजों के परिवारों और अस्पताल के कर्मचारियों से भी बातचीत की।
अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट के संस्थापक दीपक प्रेमनारायण ने कहा कि क्लबफुट उपचार के लिए जागरूकता और पहुंच सबसे बड़ी चुनौती है जिसका सामना निम्न और मध्यम आय वाले देश आज भी कर रहे हैं। किसी बच्चे के लिए उपचार ढूँढना भाग्य की बात नहीं होनी चाहिए या यह इस पर आधारित नहीं होना चाहिए कि आप कहाँ पैदा हुए हैं। हमारा उद्देश्य देश के हर जिले में एक क्लबफुट क्लिनिक शुरू करना हैताकि हर बच्चे को इलाज की सुविधा मिल सके। एनएचएम और आरबीएसके जैसे सरकारी हितधारकों और एसबीआई फाउंडेशन जैसे भागीदारों के साथ हाथ मिलाकर हम अपने कार्यक्रम को कुशलता से लागू कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि क्लबफुट के साथ पैदा होने के कारण कोई भी बच्चा विकलांग न रहे। 
श्री दीपक बताते है कि  कि वर्तमान में इस क्लिनिक में फिलहाल 100 से ज्यादा बच्चों का इलाज चल रहा है। 
इस मौके पर जिला अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारी, अनुष्का फाउंडेशन के सदस्य  तथा सीफार के प्रतिनिधि सतीश शुक्ला उपस्थित रहे |