आखिर कौन हैं आकाश आनंद? मायावती ने क्यों बनाया अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी?

आखिर कौन हैं आकाश आनंद? मायावती ने क्यों बनाया अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी?

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बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने आज एक पार्टी मीटिंग में अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है.

आकाश आनंद अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य राज्यों में बहुजन समाज पार्टी के कामकाज की देखरेख करेंगे. इन दोनों राज्यों पर मायावती की नजर बनी रहेगी. मायावती ने आज लखनऊ में पार्टी के राज्य कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में इसकी घोषणा की. आकाश आनंद बसपा की सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. 2017 में मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से आकाश का परिचय लंदन से एमबीए ग्रेजुएट के रूप में कराया और उनसे कहा कि वह पार्टी मामलों में भी शामिल होंगे.

2019 के लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद ने बसपा प्रमुख की चुनाव प्रचार रणनीति का प्रबंध संभाला था. जबकि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रचार अभियान के दौरान पार्टी के सोशल मीडिया को संभाला. आकाश आनंद को 2019 में बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था. तब मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल किया था. 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में आनंद का नाम दूसरे स्थान पर था. उन्हें विभिन्न राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी कैडर को तैयार करने का काम भी सौंपा गया था.

आकाश आनंद पिछले साल से राजस्थान में पार्टी के मामलों के प्रभारी हैं. 28 साल के आकाश आनंद को कई मौकों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया है और वह बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक के आधिकारिक पद पर हैं. आकाश आनंद के आधिकारिक एक्स अकाउंट के मुताबिक वह खुद को "बाबा साहेब के दृष्टिकोण का एक युवा समर्थक" बताते हैं. आज की बैठक को लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मायावती की अध्यक्षता में बुलाई गई थी. आकाश आनंद ने पार्टी की 14 दिवसीय 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' का भी नेतृत्व किया था.

जनवरी 2019 में मायावती ने आकाश आनंद के पार्टी में प्रवेश की घोषणा की थी. हालांकि उस समय मायावती ने भाई-भतीजावाद के आरोपों का प्रतिवाद किया और मीडिया को बताया कि आनंद ने पार्टी के उपाध्यक्ष का पद नहीं लेने का फैसला किया है. मायावती ने तब मीडिया से कहा था कि "हाल ही में मैंने आनंद को उपाध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन भाई-भतीजावाद के कारण उन्होंने खुद यह पद नहीं लेने का फैसला किया. दुर्भाग्य से आकाश को मेरे जन्मदिन पर देखे जाने के बाद कुछ चैनलों ने उन्हें घसीटा और पार्टी के भविष्य के चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया." बाद में मायावती के भाई आनंद कुमार को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था.