रायबरेली:योगी सरकार की नमामि गंगे परियोजना की पलिता लगा रहा है NTPC परियोजना जाने कैसे।

रायबरेली:योगी सरकार की नमामि गंगे परियोजना की पलिता लगा रहा है NTPC परियोजना जाने कैसे।
रायबरेली:योगी सरकार की नमामि गंगे परियोजना की पलिता लगा रहा है NTPC परियोजना जाने कैसे।

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रिपोर्ट>सागर तिवारी


ऊंचाहार रायबरेली: एनटीपीसी द्वारा गंगा को नदी को दूषित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार अरबों रुपए खर्च करके नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को स्वच्छ रखने की पुरजोर कवायद कर रही है। लेकिन एनटीपीसी परियोजना व उसके आवासीय परिसर का दूषित जल, कचरा व केमिकल युक्त पानी नालों से होकर गंगा नदी में प्रवाहित हो रहा है। जो गंगा मां के निर्मल जल को मैला कर सरकार की नमामिगंगे योजना को  ठेंगा दिखा रहा है। एनटीपीसी केन्द्र सरकार की मंशा को तार तार कर रही है। मामल मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।


       विदित हो की एनटीपीसी परियोजना के साथ आवासीय परिसर से निकलने वाला मैला कुचैला दूषित जल, मलमूत्र कस्बे के बीचो बीच से गुजरने वाले गन्दे नाले के साथ बहकर अरखा, जब्बारीपुर व कल्यानी व कोटरा बहादुरगंज गांव के बंडापुर घाट से गंगा नदी में गिराया जाता है। इसके साथ ही एनटीपीसी का काला धुंआ, ज़हरीली, कोयला की धुंध क्षेत्र में व्यापक प्रदूषण फैला रहा है। एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक ऊंचाहार में जलवायु/ जल में विलियन यानी एक्यू 276 मापा गया है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल्द ही यहां भी दिल्ली जैसे हालात हो जाएंगे। यहां भी पूरी तरह हवा में जहर उड़ने लगेगा।  पूर्व में क्षेत्रीय लोगों की शिकायत के बाद ऊंचाहार विधायक डॉ मनोज कुमार पांडेय ने समस्या को सदन में उठाया था। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम समेत जिलाधिकारी व स्थानीय प्रशासन द्वारा इसकी जांच की गई। लेकिन सब कुछ बेनतीजा ही रहा। इस बाबत परियोजना की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा का रटा रटाया बयान रहता है कि आवासीय परिसर से निकलने वाले जल को डैम बनाकर रोकने के बाद उसे शोधित किया जाता है। बहुत ही कम मात्रा में जल नाले में गिरता है। जिसे भी डैम बनाकर रोका जाएगा। यदि जल्द ही समस्या का समाधान न किया गया तो लोगों ज़हरीली हवा में सांस लेकर अपनी जान गवानी पड़ेगी।