रायबरेली-आजादी के 75 साल बाद भी कस्बे में नहीं हो सकी बस स्टॉप भवन की स्थापना

रायबरेली-आजादी के 75 साल बाद भी कस्बे में नहीं हो सकी बस स्टॉप भवन की स्थापना

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-सागर तिवारी 

ऊंचाहार-रायबरेली-स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दल बहादुर सिंह की प्रेरणा से एनटीपीसी की स्थापना के बाद भारतवर्ष में ऊंचाहार को एक पहचान मिली। लेकिन आजादी को 75 साल की जाने के बावजूद भी बस स्टॉप भवन का निर्माण नहीं हो सका। जिससे प्रितिदिन हजारों की संख्या में यात्रा करने वाले लोगों को  समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
       लखनऊ से प्रयागराज के लिए करीब 120 सड़क परिवाहन की बसें चलाई जाती है। व्यवस्थाओं को लेकर कस्बा वासियों तथा ग्रामीणों द्वारा लगातार जनप्रतिनिधियों से मांग की जाती रही। लेकिन अब तक कोई इंतजाम नहीं हो सका। प्रयागराज और लखनऊ की ओर से आने जाने वाली बसों का ठहराव रेलवे स्टेशन रोड स्थित तिराहे के राष्ट्रीय मार्ग पर की जाती है। जिसकी वजह से आए दिन कस्बे में जाम की स्थिति बनी रहने के साथ दुर्घटनाएं घटित होती रहती हैं। विधानसभा के पहले विधायक व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दल बहादुर सिंह ने क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि उनके बाद चार बार कांग्रेस तो वहीं दो बार बसपा व तीन बार सपा के विधायकों के अलावा अन्य दलों के प्रतिनिधियों को क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी जनता द्वारा सौंपी गई। बावजूद किसी के भी द्वारा बस स्टॉप के निर्माण की ओर ध्यान नहीं दिया गया। एनटीपीसी जैसी बड़ी परियोजना होने के नाते यहां से निरंतर अधिकारियों समेत हजारों लोगों लोगों का आना-जाना बना रहता है। बस स्टॉप का निजी भवन ना होने के कारण आने जाने वाले यात्रियों को बैठने, स्वच्छ जल तथा शौचालय आदि की व्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ता है। इस दौरान यात्रियों को दुकानों से पानी की बोतलें तथा पेट की समस्या होने पर निवृत्त होने के लिए व्यापारियों के निजी सौचालयों का प्रयोग करना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा वर्तमान विधायक से भी बस स्टॉप भवन बनवाए जाने की मांग की गई। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। यही नहीं लोगों को सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। एसडीएम आशीष कुमार मिश्र ने बताया कि कि यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए बस स्टॉप भवन बनाए जाने को लेकर परिवहन विभाग को पत्र भेज समस्या का निराकरण कराया जाएगा।