जिला अस्पताल में मानवता शर्मशार, बीमार बुजुर्ग को न मिला स्ट्रेचर, न किया भर्ती, बेटे की गोद में बाप ने तोड़ा दम

जिला अस्पताल में मानवता शर्मशार, बीमार बुजुर्ग को न मिला स्ट्रेचर, न किया भर्ती, बेटे की गोद में बाप ने तोड़ा दम

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रिपोर्ट-रोहित मिश्रा

मो-7618996633

गोंड़ा. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवायें रामभरोसे नजर आ रही है। लड़खड़ाती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यूपी के जिला अस्पतालों का नाम हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की सख्ती के बावजूद स्वास्थ्य सेवायें दुरूस्त होती नहीं दिख रही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश में गोंडा के जिला अस्पताल से मानवता को शर्मशार करने वाला मामला प्रकाश में आया है।

यहां डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं। यहां एक बुजुर्ग के मरने के लिए इमरजेंसी के बाहर बैठा दिया गया। इलाज के लिए आए बीमार बुजुर्ग को न तो स्ट्रेचर मिला, न ही अस्पताल में भर्ती किया गया। करीब आधे घंटे इमरजेंसी के बाहर इंतजार के बाद बीमार बुजुर्ग ने बेटे की गोद में ही दम तोड़ दिया। यह पूरा मामला गोंडा के बाबू ईश्वर शरण अस्पताल का है।

बताया जा रहा है, गुरुवार को सांस की बीमारी से पीड़ित रामउदित की हालत बिगड़ने पर अपने बेटे के साथ गोंडा के बाबू ईश्वर शरण अस्पताल दिखाने पहुंचे। यहां बीमार बुजुर्ग को न तो स्ट्रेचर मिली न ही अस्पताल भर्ती किया गया। इमरजेंसी के बाहर मरने के लिए छोड़ दिया गया। करीब आधे घंटे बाद इमरजेंसी के बाहर बीमार बुजुर्ग ने बेटे गोद में ही दम तोड़ दिया। इंसानियत की सारी हदें तो तब पार हो गईं जब मृतक बुजुर्ग को ले जाने के लिए शव वाहन भी नहीं मिला।