इलाज करते-करते मरीज को दिल दे बैठी 'नर्स', प्यार परवान चढ़ा तो बैरी बन गया जमाना, पड़ गए जान के लाले

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
इंसान का प्यार का रिश्ता किसी से भी कभी भी बन जाता है. इसके लिए समय और हालात मायने नहीं रखते. दिल कब किसके लिए धड़कने लग जाए कुछ पता नहीं चलता. राजस्थान के चूरू में एक ऐसा ही केस सामने आया है.
यहां एक नर्स अस्पताल में भर्ती मरीज की सेवा करते-करते कब उसे चाहने लग गई उसे खुद इसका पता नहीं चल पाया. बाद में जब दोनों ने एक होने का फैसला किया तो जमाने को यह भाया नहीं और वह उनका बैरी बन गया.
चूरू के राजकीय भरतिया अस्पताल में एक ट्रेनी नर्स का अपने मरीज पर दिल आ गया. दोनों ने घर छोड़कर लव मैरिज कर ली. लेकिन अंतरजातीय रिश्ता होने के कारण उन्हें अब जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. घर छोड़ने के बाद दोनों एक महीने से ज्यादा समय तक बसों और ट्रेनों में सफर करते रहे. रेलवे स्टेशनों पर भी समय बिताना पड़ा. आखिरकर वे सुरक्षा की गुहार लेकर एसपी दफ्तर पहुंचे और अपनी पीड़ा बताई.
दो साल पहले मिली थी नजरें
मरीज के प्यार में पड़ी 21 साल की यह नर्स मितेश कुमारी मेघवाल चूरू के नरसिंहपुरा चलकोई की रहने वाली है. उसने बताया कि वह फिलहाल बीए की पढ़ाई कर रही है. उसके पिता चाय की दुकान चलाते हैं. 2 साल पहले वह जब एएनएम का कोर्स कर रही थी तब चूरू के राजकीय भरतिया अस्पताल में बतौर ट्रेनी नर्स काम करती थी.
पहली मुलाकात में एक दूसरे को भा गए दोनों
उस समय चूरू के मोचीवाड़ा निवासी विजय सिंगोदिया (26) अस्पताल में भर्ती हुआ था. वहां दोनों की जान-पहचान हो गई. पहली ही मुलाकात में दोनों एक दूसरे की तरफ आकर्षित हो गए. विजय मेडिकल स्टोर में काम करता था. मितेश ने बताया कि इस मुलाकात के बाद दोनों की मोबाइल पर बातें होने लगी. बात आगे
बढ़ी तो दोनों ने मोबाइल पर ही शादी करने का फैसला कर लिया.
परिजन सरकारी नौकरी वाले से शादी करना चाहते थे
करीब एक साल पहले मितेश ने विजय के बारे में अपने घर पर बताया. लेकिन परिवार ने रिश्ता करने से साफ मना कर दिया. मितेश ने बताया कि घरवालों ने कहा कि उसकी शादी किसी सरकारी कर्मचारी से करना चाहते थे. विजय के पास सरकारी नौकरी नहीं थी और रिश्ता भी अंतरजातीय था. ये दोनों बातें ही घरवालों को खटक गई. इस बीच घरवालों ने मितेश के रिश्ते के लिए दूसरी जगह बात चलाई. लेकिन मितेश ने यह कहते हुए मना कर दिया कि उसे अभी पढ़ाई करनी है.
घर से भागकर गाजियाबाद जाकर शादी की
दिसंबर महीने में मितेश ने फिर से विजय से शादी करने की इच्छा घरवालों के सामने रखी तो उन्होंने उसका मोबाइल छीन लिया और मारपीट भी की. उसके परिवार वाले अन्य जगह रिश्ता करने के लिए उस पर फिर से दबाव बनाने लगे. इधर विजय चूरू छोड़कर जयपुर चला गया. वहां उसने मेडिकल स्टोर पर काम शुरू कर दिया. मितेश ने बताया कि 5 फरवरी को उसने अपना घर छोड़ दिया और विजय के साथ गाजियाबाद चली गई.
कई दिन तक बसों और ट्रेनों में घूमते रहे
गाजियाबाद के आर्य समाज में उसने विजय से शादी कर ली. शादी की भनक मितेश के परिजनों को लगते ही वे आग बबूला हो गए. विजय ने बताया कि कई दिनों तक वे दोनों बस और ट्रेन से दिल्ली, मुंबई, सूरत, जोधपुर आदि जगहों की यात्रा करते रहे और रेलवे स्टेशनों पर भी समय बिताया. दोनों ने बताया कि अब उन्हें घरवाले
धमकी दे रहे हैं. इसलिए सुरक्षा के लिए एसपी दफ्तर पहुंचे हैं. उन्हें परिजनों से सुरक्षा चाहिए.



