यूपी में अधिकारियों के सामने लेखपालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, अखिलेश की टिप्पणी के बाद गरमाया अतिक्रमण का मामला
बंजर भूमि पर कब्जा करके बनाए गए मकानों को ध्वस्त किए जाने मामले ने तब राजनीतिक रंग ले लिया, जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रकरण को लेकर एक्स पर पोस्ट करके भाजपा सरकार पर टिप्पणी की।
सोमवार को सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव अपनी पुत्री जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव के साथ गांव पहुंचे।
वह प्रशासन की कार्रवाई से प्रभावित गांव वालों के साथ बातचीत कर रहे थे। उसी दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोग उग्र हो गए और दो लेखपालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पुलिस ने लाठियां पटक कर किसी तरह भीड़ को खदेड़ कर उनको बचाया।
प्रशासन ने ध्वस्त किए थे 20 से अधिक मकान
शनिवार को गांव उखरा में बंजर भूमि पर बने 20 से अधिक मकान एसडीएम सदर व पुलिस बल की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिए गए थे। मामले पर सपा अध्यक्ष ने एक्स पर 'जिनके घर नहीं बसे वह दूसरों के घर उजाड़ रहे' पोस्ट करके सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया था। इसके बाद सोमवार सुबह नरेंद्र सिंह व मोनिका यादव, जिला पंचायत सदस्य यशवीर सिंह आर्य आदि के साथ उखरा गांव पहुंचे।
वह प्रभावित परिवार के लोगों से बात कर रहे थे। उसी दौरान एसडीएम सदर रजनीकांत पांडेय, क्षेत्राधिकारी मोहम्मदाबाद अरुण कुमार, लेखपाल रुद्र प्रताप सिंह, सौरभ पांडेय, विकास दीक्षित भी गांव पहुंच गए। ग्रामीणों ने बिना कोई नोटिस दिए मकानों को तोड़ने का आरोप लगाया तो इस पर लेखपालों से नोकझोंक नोकझोंक होने लगी।
लेखपाल को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
विवाद बढ़ने पर गांव वालों ने लेखपाल रुद्र प्रताप सिंह व सौरभ पांडेय को खेतों में दौड़ा-दौड़ाकर लाठी डंडे से पीटा। पुलिस ने लाठियां पटक कर किसी तरह उनको ग्रामीणों से बचाया।
मोनिका यादव ने बताया कि पीड़ितों की बात को सुनी गई है। अधिकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। मारपीट करने वाले लोग बाहर के थे। थाना प्रभारी नवाबगंज बलराज भाटी ने कहा कि लेखपाल रुद्रप्रताप की ओर से तहरीर आई है, मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।