Raibareli-राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख पच्चीस हजार से अधिक मुकदमों का किया गया निस्तारण

Raibareli-राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख पच्चीस हजार से अधिक मुकदमों का किया गया निस्तारण

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

जनपद न्यायाधीश अब्दुल शाहिद ने राष्ट्रीय लोक अदालत का दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ


रायबरेली-राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आज दीवानी परिसर रायबरेली में किया गया। उक्त कार्यक्रम का उद्धाटन माननीय अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश के द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया। जिला जज द्वारा उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि न्याय व्यवस्था में वादकारियों का हित सर्वोच्च होता है। वादकारियों के मध्य सुलह-समझौते के आधार पर लम्बित मामलों को निपटाने व आमजन को सुलभ व सुगम न्याय उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है।
 इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश-कुटुम्ब न्यायालय सत्य प्रकाश त्रिपाठी, चेयरमैन-मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण महेन्द्र नाथ, प्रथम अपर जिला जज पंकज जायसवाल, अपर जिला जज सतीश कुमार त्रिपाठी, त्रिपुरारी मिश्रा, अपर जिला जज विद्याभूषण पाण्डेय (नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज कुमार-प्रथम व अन्य न्यायिक अधिकारीगण, उपजिलाधिकारी सलोन सालिकराम, सीओ ट्रैफिक इन्द्रपाल सिंह, सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री अमरेन्द्र सिंह व विभिन्न बैंक के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला जज उमाशंकर कहार ने बताया की राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख पच्चीस हजार से अधिक मुकदमे निस्तारित किये गये। बैंको व फाइनेन्स कम्पनियों के प्री-लिटिगेशन स्तर पर मामले निस्तारित कराये गये तथा मौके पर ही समझौते कराये गये। इस लोक अदालत में अन्य मामलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ई-चालान के मामले, चेक बाउंस(एन0आई0एक्ट) के मामले तथा वैवाहिक विवाद के मामले निस्तारित किये गये। तलाक के मुहाने पर खड़े कई जोड़ों का सुलह-समझौता कराकर वापस भेजा गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के एवं उत्तराधिकार के मामले निस्तारित कर उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र निर्गत किये गये। दीवानी न्यायालय परिसर में कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए शासन की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए लोक अदालत का आयोजन किया गया। आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल व हेल्प डेस्क बनाये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले सभी व्यक्तियों के हैण्ड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गयी थी।