रायबरेली-अतंकवाद के विरुद्ध हुसैन ने किया था पहली जंग का ऐलान

रायबरेली-अतंकवाद के विरुद्ध हुसैन ने किया था पहली जंग का ऐलान

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      रिपोर्ट-सागर तिवारी

खुदा की राह में जिस वक्त जान खोई थी , फलक ने नाला किया था जमीन रोई थी

ऊंचाहार-रायबरेली - मुहर्रम के दूसरे दिन मंगलवार को भी मजलिसों का दौर चलता रहा। विभिन्न इमामबाड़ों में दिन भर तकरीर होती रही और या हुसैन की सदाएँ गूंजती रही।
      ऊंचाहार के  बड़े इमामबाड़े में मुस्लिम वक्ताओं ने कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की शहादत को अतंकवाद के विरुद्ध दुनिया की पहली जंग बताया । हसनैन मुस्फाबादी  ने कहा कि करीब 14 सौ साल पहले इस्लाम के नाम पर आतंक और जुल्म ढाने वाले यजीद के खिलाफ हज़रत इमाम हुसैन ने आवाज बुलंद की । और इस्लाम व इंसानियत की रक्षा के लिए कुर्बानी देकर दुनिया में मिसाल कायम की है । आतंक के विरुद्ध यह दुनिया की पहली जंग थी । ओवैसी नकवी ने कहा कि इमाम हुसैन ने शहादत देकर खलीफा यजीद की हस्ती को मिटा दिया , आज पूरी दुनिया हुसैन के रास्ते पर चल रही है , जबकि जालिम यजीद का कोई नाम लेने वाला नहीं है । इस मौके पर नन्हे बच्चे जमा अब्बास ने पढ़ा कि  "खुदा की राह में जिस वक्त जान खोई थी , फलक ने नाला किया था ,जमीन रोई थी " तो या हुसैन की सदाऐं गूंजने लगी। इस मौके पर अशरफ हुसैन ,असद नकवी , अजहर अब्बास नकवी , मो अनस , शाजू नकवी , अर्श नकवी आदि गम और मातम का हिस्सा बने ।
   उधर नगर पंचायत की पूर्व चेयरमैन शाहीन सुलतान द्वारा मजलिस का आयोजन किया गया । जिसमें हिंदुस्तान के ख्यातिप्राप्त मौलाना आसिफ रजा सैफी ने कर्बला की दास्तां बताई । इस मौके पर मौलाना मो अहमद , मेंहदी हसन , अरसद सुलतान , इरफान मेंहदी , मो रुस्तम , सलमान अंसारी , कलाम कुरैशी , सभासद वसीम , डा यूसुफ मंसूरी , मो अयूब मंसूरी आदि मौजूद थे ।