रायबरेली-बच्चों के आधार के लिए रात से दिन तक खानी पड़ती दुत्कार

रायबरेली-बच्चों के आधार के लिए रात से दिन तक खानी पड़ती दुत्कार

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    रिपोर्ट-सागर तिवारी

रात से लाइन लगाने के बावजूद नहीं बन पा रहा आधार

आधार कार्ड बनवाने को आधी रात से लगती लाइन

ऊंचाहार-रायबरेली - आधार कार्ड के लिए ग्रामीणों को न सिर्फ दुत्कार सहनी पड़ रही है अपितु उनकी रात की नींद और दिन का चैन हराम है। अपने बच्चों के आधार के लिए लोग आधी रात से बैंक के सामने लाइन लगते हैं, और दिनभर लाइन में खड़े रहने के बाद मायूस होकर लौट जाते हैं।
     नगर में आधार कार्ड बनाने के लिए विभिन्न गांवों से ग्रामीणों अपने व बच्चों का आधार कार्ड बनाने प्रतिदिन आधी रात से मुख्यालय में कतार लगाना पड़ता है। उसके बाद भी आधार कार्ड समय पर नहीं बन पाता है । जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समय नगर के बैंक ऑफ बड़ौदा में  आधार कार्ड बन रहा है । सारा काम एक ही कर्मचारी द्वारा किया जाता है । इस समय स्कूलों में बच्चों के आधार लिंक हो रहे है , इस लिए आधार कार्ड बनवाने व संशोधन की खासी भीड़ रहती है । आधार बनाने के लिए आधी रात को 20 से 40 किलोमीटर चलकर  मुख्यालय पहुंचकर  कतार में लगे एक ग्रामीण ने बताया कि यह उनके लिए एक बड़ी समस्या है। यह समस्या अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों को सुनाई गई है। उसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। वे बार-बार यह समस्या किसे सुनाएं और कौन सुने। आधार कार्ड बनाने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं क्योंकि भीड़ ही इतनी होती है कि नंबर आते आते समय खत्म हो जाता है। एक दिन में मात्र बीस आधार कार्ड ही वहां ऑपरेटर बना पाते हैं ।बैंक में आधार का काउंटर खुलता भी है तो 11 बजे के आसपास और शाम चार बजे से पहले बंद हो जाता है। उसके बाद भी ऑपरेटर कभी बिजली, कभी सर्वर डाउन, तो कभी और कुछ बताकर समय बिता देते हैं। उसके बाद चार बजे कार्य बंद कर वे अपने घर चले जाते हैं और मायूस होकर ग्रामीण आधार कार्ड बिना बनाए ही घर वापस लौट जाते हैं।