रायबरेली-सीएचसी में तैनात चिकित्सक की लापरवाही आई सामने मौत के बाद भी मरीज को कर दिया रेफर

रायबरेली-सीएचसी में तैनात चिकित्सक की लापरवाही आई सामने मौत के बाद भी मरीज को कर दिया रेफर

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)

मो-8573856824

बछरावां सीएचसी में तैनात डॉक्टरों की बुधवार को बड़ी लापरवाही सामने आई है। गंभीर हालत में सीएचसी लाए गए मरीज की मौत के बाद भी उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 108 एंबुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है।

बछरावां थाना क्षेत्र के कसरावां गांव निवासी शत्रोहन पाल (65) पुत्र राम औतार को बुधवार सुबह सीएचसी बछरावां पहुंचाया गया। आरोप है कि बिना जांच और इलाज के ही मरीज को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में 108 एंबुलेंस के ईएमटी ने अपनी रिपोर्ट दी है। यह रिपोर्ट एंबुलेंस के ईएमटी रेफर करने वाले अस्पताल में ही मरीज की जांच करते हुए भरते हैं। ईएमटी की रिपोर्ट के अनुसार सीएचसी में मरीज की सांस नहीं चल रही थी। यानी सीएचसी में ही मरीज की मौत हो चुकी थी।

सुबह करीब नौ बजे शत्रोहन को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया, जहां शत्रोहन मृत मिले। ईएमटी ने अपनी रिपोर्ट में नो पल्स और नो बीपी स्पष्ट लिखा है। ईएमटी की रिपोर्ट को ब्रांड डेड रजिस्टर में चस्पा करा दिया गया। जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल आफीसर डॉ. अतुल पांडेय का कहना है कि बछरावां सीएचसी से लाया गया मरीज मृत था। ईएमटी ने अपनी रिपोर्ट में नो पल्स और नो बीपी का जिक्र किया है।

रेफर के समय मरीज की चल रही थी सांस : अधीक्षक
बछरावां सीएचसी की अधीक्षक डॉ. अर्पिता श्रीवास्तव का कहना है कि सीएचसी में लाए गए मरीज का प्राथमिक उपचार किया गया था। केस काफी क्रिटिकल होने के कारण उसे अन्य जांच व इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। सीएचसी स्तर पर इलाज में कोई लापरवाही नहीं की गई। मरीज को जब रेफर किया गया, उस समय उसकी सांस चल रही थी।

किराए के वाहन से शव लेकर गए परिजन
बछरावां सीएचसी से रेफर किए गए शत्रोहन पाल के शव को एंबुलेंस ने जिला अस्पताल की इमरजेंसी तो पहुंचा दिया, लेकिन वहां मौत की पुष्टि के बाद परिवार के लोगों को किराए पर वाहन करके शव को घर ले जाना पड़ा। सीएचसी स्तर पर ही मौत की पुष्टि कर दी जाती तो घर वाले परेशान न होते।

रेफर सेंटर बनकर रह गए ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल
जिले के ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं। रोजाना 40 से 50 मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। सामान्य रूप से जुकाम, बुखार और डायरिया के मरीजों को भी जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। चर्चा है कि सीएचसी स्तर पर चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों का बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा मरीजों को भोगना पड़ रहा है।

मामला संज्ञान में आया है। बछरावां अधीक्षक से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। यदि सीएचसी स्तर पर इलाज में लापरवाही की गई है, तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. नवीनचंद्रा, सीएमओ