रायबरेली-कोटेदार को कालाबाजारी करते ग्रामीणों ने पकड़ा , नहीं हुई कार्रवाई

रायबरेली-कोटेदार को कालाबाजारी करते ग्रामीणों ने पकड़ा , नहीं हुई कार्रवाई

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    रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार -रायबरेली-सरकार द्वारा गरीबो को बिना घटतौली राशन उपलब्ध कराए जाने के आदेश के बाद भी कोटेदार गरीबो के हक पर डाका डालने से बाज नही आ रहे है।और उनके हक में मिलने वाले राशन को चोरी छुपे बेचने का काम कर रहे है।मामला राहुल गांधी के संसदीय जगतपुर क्षेत्र के घुरी गांव का है।जहां गाड़ी से सरकारी राशन बेचने जा रहे कोटेदार और बनिये दोनों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया।लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो रही है। 
आज ग्रामीणों ने डलमऊ एसडीएम से कोटेदार के खिलाफ शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है।ग्रामीणों ने बताया कि 22 सितंबर को कोटेदार होरी लाल पिकप पर सरकारी राशन को लादकर बेचने जा रहा था।तभी ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया।और मामले की जानकारी पूर्ति अधिकारी वीर सिंह और डायल 112 पुलिस को दी।सुचना पाकर मौके पर पहुँची डायल 112 पुलिस ने रंगे हाथ वाहन को पकड़ा।और राशन के बारे में पूछताछ की,और पूर्ति अधिकारी के आने का इंतजार किया।लेकिन पूर्ति अधिकारी के न आने पर डायल 112 पुलिस ने उसे छोड़ दिया।जिसके बाद हम लोगों ने जिलाधिकारी हर्षिता माथुर से कोटेदार के खिलाफ घटतौली और राशन बेचने की शिकायत की ,जिसपर जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर एसडीएम को कोटेदार के खिलाफ कार्यवाही की बात कही ।लेकिन पूर्ति अधिकारी वीर सिंह से सांठगांठ कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
वही जब इस मामले पर पूर्ति अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मीडिया के सवालों  गोलमाल तरीके से जवाब देने का मन बनाया,तभी एक्सक्लुसिव कैमरे में उन्होंने अपनी बात स्वीकार की और कहा कि रविवार के दिन एक फोन आया था।लेकिन मैं उस वक्त नहाने में पड़ा हुआ  था।उसके बाद मैंने रास्ते मे पता किया तो पता चला कि राशन उसके घर का है।सरकारी नही है।
वही जब डलमऊ उपजिलाधिकारी अभिषेक वर्मा से बात करने का प्रयास किया गया तो  अर्दली ने एसडीएम साहब को सुचना दी कि पत्रकार मिलना चाहते है।जिसपर उन्होंने कहा की तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ जरूरी बात हो रही है।कुछ देर के बाद अंदर बुलाएंगे।लेकिन थोड़ी देर के बाद तहसीलदार और नायब तहसीलदार दोनों एसडीएम के चैंबर से निकले।और एसडीएम अभिषेक वर्मा पिछले दरवाजे से अपनी कोर्ट चले गए।अगर एसडीएम साहब को कोर्ट जाना था।तो मीडिया के लोगो को बाद में आने की बात अर्दली के द्वारा कह सकते थे।लेकिन उन्होंने मीडिया को इग्नोर कर  कोर्ट चले गए।