रायबरेली में दो चिकित्सको से एक-एक करोड़ रुपये वसूलने के आदेश
रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824
रायबरेली-पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी न लौटने वाले दो डॉक्टरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दोनों चिकित्सकों से एक-एक करोड़ रुपये वसूलने के आदेश दिए गए हैं। महानिदेशक (प्रशिक्षण) ने संबंधित धनराशि को राजकीय कोष में जमा कराने के आदेश दिए हैं।
शासनादेश के अनुसार, पीजी की पढ़ाई करने के बाद 10 साल तक सरकारी सेवा में रहना अनिवार्य है। इसके लिए एक करोड़ रुपये का बांड भराया जाता है। लेकिन एक चिकित्सक सीएचसी खजूरगांव व दूसरे पीएचसी हरदोई अब तक नहीं पहुंचे हैं। जिले की सीएचसी खजूरगांव के चिकित्सक व लखनऊ के जे-325 आशियाना कॉलोनी निवासी डॉ. आदित्य कुमार ने 30 सितंबर 2014 को अपनी सेवा शुरू की थी।
16 जुलाई 2020 को पीजी की पढ़ाई करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र मिला था। वर्ष 2023 में पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें खजूरगांव सीएचसी में जॉइन करना था, लेकिन अब तक नहीं आए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरदोई में तैनात रहे चिकित्सक व 288 सेक्टर-एन आशियाना किला चौराहा कानपुर रोड लखनऊ निवासी डॉ. शेखर कपूर ने 18 मार्च 2015 से अपनी सेवा शुरू की थी। 17 जुलाई 2020 को पीजी के लिए अनुमति दी गई थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं।
पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद करीब एक साल बाद भी तैनाती वाले अस्पतालों में जॉइन न करने के मामले में महानिदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. सुषमा सिंह ने दोनों चिकित्सकों से एक-एक करोड़ वसूलने के आदेश दिए हैं।
पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद करीब एक साल बाद भी तैनाती वाले अस्पतालों में जॉइन न करने के मामले में महानिदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. सुषमा सिंह ने दोनों चिकित्सकों से एक-एक करोड़ वसूलने के आदेश दिए हैं।
सीएमओ डॉ. नवीन चंद्रा का कहना है कि नियमानुसार पीजी की पढ़ाई करने के बाद चिकित्सकों को 10 वर्षों तक लगातार सेवा में रहना होता है। दोनों चिकित्सकों ने पढ़ाई के बाद ज्वाइन नहीं किया है। वसूली के संबंध में महानिदेशक का पत्र आया है।