Raibareli-दौलतपुर को साहित्य धाम बनाने की माँग की अनसुनी से साहित्यानुरागी आहत*

Raibareli-दौलतपुर को साहित्य धाम बनाने की माँग की अनसुनी से साहित्यानुरागी आहत*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*आचार्य द्विवेदी ने जिस आँगन में जन्म लिया था,वह निश्चित रूप से तीर्थ स्थल से कम नहीं है : सुनील सिंह सरगम*

*आचार्य द्विवेदी का पैतृक जन्म स्थान आज भी है उपेक्षित*



सरेनी-रायबरेली-दौलतपुर को साहित्य धाम बनाने की माँग की अनसुनी से साहित्यानुरागी आहत हैं!इनका कहना है कि भगवान राम कण-कण में हैं,फिर भी हम उनके जन्म स्थान को तीर्थस्थल मानकर उसे आज भब्य रूप देने में लगे हैं!इसलिये जन-जन की आस्था से अयोध्या जुड़ी हुई है किन्तु जिस सरस्वती पुत्र ने हमारी भाषा की परिवर्तित खड़ी बोली का रूप दिया,जिसके अथक प्रयासों से आज हिंदी राष्ट्र भाषा बनी और अब तो पूरे विश्व में बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है!उसका पैतृक जन्म स्थान आज भी उपेक्षित है!गांव तक पक्की सड़क तो बन चुकी है,किन्तु रोडवेज की बस नहीं आती है!बताते हैं कि इस एक मात्र बस को सिर्फ कागज में चलाया जा रहा है!वाचनालय बना है किन्तु पुस्तकें नहीं हैं!आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के घर को दो दशक पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी के प्रयासों से बनवाया गया था,किन्तु अब यह प्लास्टर के अभाव में जर्जर हो चुका है!खिड़की व दरवाजे भी ध्वस्त हो चुके हैं!उन्नाव जनपद की सीमा से होने की वजह से इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है!जिस गांव में महाविद्यालय या विश्वविद्यालय होना चाहिये वहां सिर्फ जूनियर हाईस्कूल है!यहाँ हर वर्ष उनकी पुण्यतिथि पर समारोह का आयोजन कर रहे सुनील सिंह सरगम ने बैसवारे के गौरवशाली इतिहास पर अनेकों कविताएँ लिखी हैं,इनका मानना है कि आचार्य द्विवेदी ने जिस आँगन में जन्म लिया था,वह निश्चित रूप से तीर्थ स्थल से कम नहीं है!यहाँ कभी साहित्य प्रेमी व राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त,जय शंकर प्रसाद जैसे कवि व रचनाकार आचार्य प्रवर के साथ बैठकर कुछ सीखते थे!अगर इसे साहित्य धाम घोषितकर दिया जाय तो निश्चित रूप से हिंदी का भला होगा!उन्होंने कहा कि गांव में एक आयुर्वेदिक अस्पताल जीर्ण-शीर्ण हालत में था!अब उसकी मरम्मत व सुंदरीकरण का काम शुरू है!उन्होंने यहाँ चिकित्सक व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने की मांग भी की है!

*आचार्य द्विवेदी की 85वीं पुण्यतिथि पर आगामी 21 दिसम्बर को होगा भव्य आयोजन*

सरेनी!राष्ट्र भाषा हिंदी के सर्जक आचार्य महाबीर प्रसाद द्विवेदी की 85वीं पुण्यतिथि पर आगामी 21 दिसम्बर को उनके पैतृक गांव दौलतपुर में भव्य आयोजन होगा!यह जानकारी  समारोह के आयोजक सुनील सिंह सरगम ने दी है!श्री सिंह ने बताया है कि कार्यक्रम में आचार्य द्विवेदी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद किया जायेगा!स्कूली बच्चे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे व शाम को काव्य संध्या का भी आयोजन होगा!उन्होंने सभी से इस मौके पर दौलतपुर गांव में पहुंचने की अपील की है!