रायबरेली-राज्य जीएसटी अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने का दिया आदेश,,,

रायबरेली-राज्य जीएसटी अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने का दिया आदेश,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राज्य जीएसटी अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश क्षितिज मिश्रा द्वारा दायर एक प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद पीठासीन अधिकारी पवन कुमार सिंह ने 12 नवंबर को जारी किया। क्षितिज मिश्रा द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया कि 5 सितंबर को शाम करीब 7 बजे राज्य जीएसटी अधिकारी उनके घर आए थे। अधिकारियों ने खुद को रायबरेली का राज्य जीएसटी अधिकारी बताया और उनकी फर्म की जांच, भौतिक सत्यापन तथा जीएसटी कारोबार से संबंधित टैक्स की जानकारी लेने की बात कही।
मिश्रा ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, अधिकारियों ने उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाए और बताया कि उनके नाम 'मिश्रा एंटरप्राइजेज प्रो. क्षितिज मिश्रा' से केंद्रीय जीएसटी विभाग में 20 जून को एक ऑनलाइन फर्म पंजीकृत की गई है, जिसमें उनके आवश्यक दस्तावेज लगे हैं।
जब मिश्रा ने अपने दस्तावेजों की जांच की, तो उन्होंने पाया कि उनका आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो सही थे। लेकिन, उनका मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और बैंक खाता संख्या गलत थी।
अधिकारियों ने मौके पर ही मिश्रा से एक प्रार्थना पत्र लिखवाया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा किया गया है और उनका इस फर्म से कोई संबंध नहीं है। राज्य जीएसटी अधिकारी अरविंद सिंह ने यह प्रार्थना पत्र प्राप्त किया और मौके से चले गए।
हालांकि, 24 घंटे के भीतर जब मिश्रा ने जीएसटी दस्तावेजों का सहज जन सेवा केंद्र में अवलोकन किया, तो उन्हें आगे की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने न्यायालय का रुख किया।
न्यायालय ने धारा 173(4) बी.एन.एस.एस. के तहत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। पत्रावली का अवलोकन करने पर न्यायालय ने पाया कि परिवादी के दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन 'मिश्रा एंटरप्राइजेज प्रो. क्षितिज मिश्रा' के नाम से कराया गया था, जबकि रजिस्ट्रेशन के दस्तावेजों में मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और बैंक खाता संख्या फर्जी आधार पर अंकित किए गए थे।
न्यायालय ने ऊंचाहार कोतवाल को आदेशित किया है कि वे प्रार्थनापत्र के परिप्रेक्ष्य में 7 दिवस के भीतर उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करें तथा उसके निष्कर्षों से न्यायालय को भी अवगत कराएं। इस आदेश के बाद जीएसटी विभाग में हड़कंप मच गया है।