कौन बनेगा यूपी भाजपा का अध्यक्ष, ये पांच नाम दौड़ में चल रहे सबसे आगे
जनवरी और फरवरी माह में उत्तर प्रदेष के नये भाजपा अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गयी है। यूपी भाजपा अध्यक्ष के चुनाव के लिए संगठन के तौर पर चुनाव अधिकारी भी घोषित किये जा चुके हैं।
कौन बनेगा यूपी भाजपा का अध्यक्ष (सोषल मीडिया)
UP BJP President: उत्तर प्रदेश में जनवरी माह में भारतीय जनता पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। अध्यक्ष पद को लेकर सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। साल 2025 के जनवरी और फरवरी माह में उत्तर प्रदेश के नये भाजपा अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गयी है। यूपी भाजपा अध्यक्ष के चुनाव के लिए संगठन के तौर पर चुनाव अधिकारी भी घोषित किये जा चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार ब्राह्मण, दलित या फिर किसी पिछड़े वर्ग से नया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है।
ऐसा भी माना जा रहा है कि यूपी का नया भाजपा अध्यक्ष क्षत्रिय या वैष्य समाज से नहीं हो सकता है। उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष बनने की रेस में कई नाम चल रहे हैं। जिसमें से पांच से छह दिग्गज नेताओं के नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। वहीं यह भी अंदाजा जताया जा रहा है कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को ही एक बार फिर मौका दिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने केंद्रीय नेतृत्व को संगठन चुनाव को लेकर 18 अक्टूबर को पत्र लिखा था।
राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी डॉ. के लक्ष्मण ने यूपी भाजपा अध्यक्ष के पत्र के जवाब में सात नेताओं को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें पूर्व अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश चुनाव अधिकारी, हरीश कुमार सिंह, अनिल चौधरी, रंजना उपाध्याय, मुकुट बिहारी वर्मा, कमलेश कुमार और राजेंद्र तिवारी को सह चुनाव अधिकारी बनाया गया है।
भारतीय जनता पार्टी पहले जिलाध्यक्षों का चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। जिलाध्यक्षों के चयन हो जाने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। पार्टी की परंपरा है कि केंद्रीय नेतृत्व किसी एक नाम को तय कर देती है जिसमें सर्वसम्मति से निर्वाचित मान लिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद जतायी जा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में इन नेताओं के नाम सबसे आगे चल रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह चौधरीः वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का नाम सबसे आगे चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि संगठन श्री चौधरी दोबारा अवसर दे सकती है। भूपेंद्र सिंह चौधरी साल 2002 के विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। वह जाट वर्ग से हैं और पश्चिमी यूपी में इस वर्ग को साधने के लिए भाजपा उन्हें पद पर कायम रख सकती है। भूपेंद्र सिंह चौधरी एमएलसी भी हैं।
विजय बहादुर पाठकः विजय बहादुर पाठक भारतीय जनता पार्टी से काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं। वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। वह विधान परिषद सदस्य भी हैं। ऐसे में ब्राह्मण समाज को पार्टी से जोड़े रखने के लिए भाजपा नेतृत्व उन्हें अध्यक्ष पद की अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है।
गोविंद नारायण शुक्लः भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद नारायण शुक्ल विधान परिषद सदस्य हैं और लंबे समय से संगठन में कार्य कर रहे हैं। वह वर्तमान में पार्टी के प्रदेश महामंत्री हैं। उन्हें भी ब्राह्मण चेहरे के तौर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपा जा सकती है।
विद्यासागर सोनकरः भारतीय जनता पार्टी के संगठन से लंबे अरसे से जुड़े हुए विद्यासागर सोनकर का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में आगे चल रहा है। वह विधान परिषद सदस्य हैं। दलित वर्ग को साधने के लिए भाजपा विद्या सागर सोनकर के नाम पर मुहर लगा सकती है।
बाबू राम निषादः अति पिछड़े वर्ग पर भारतीय जनता पार्टी की निगाह है। ऐसे में राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद के जरिए भाजपा इस वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए भाजपा उन्हें अवसर दे सकती है।
विजय सोनकरः आजमगढ़ के लालगंज निवासी विजय सोनकर भारतीय जनता पार्टी के पुराने नेता हैं। दलित समाज से आने वाले विजय सोनकर को भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।