रायबरेली-विकास भवन सभागार कार्यालय में नियमित टीकाकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

रायबरेली-विकास भवन सभागार कार्यालय में नियमित टीकाकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 


रायबरेली-स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में यूनिसेफ के सहयोग से  ब्लॉक रिस्पॉन्स टीम के लिए जनपद स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को विकास भवन सभागार  में आयोजित हुआ ।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों - टीबी, पोलियो, काली खांसी, गलघोंटू, खसरा, हिपेटाइटिस, टिटेनस, निमोनिया, वायरल डायरिया, दिमागी बुखार और रुबेला से बचाता है । उन्होंने बताया कि यह सभी टीका पूरी तरह सुरक्षित हैं|टीका लोगों को घर के पास ही निशुल्क लगाए जाते हैं | इससे समय और धन की बचत होती है | एक सिरिन्ज से एक ही बच्चे को  टीका लगाया जा रहा है | इससे बच्चे में किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना नहीं है | इसके अलावा टीकाकरण में स्थानीय  प्रभावशाली लोगोंऔर धर्मगुरुओं, परिवार और दोस्तों का सहयोग लें ताकि टीकाकरण न करवाने वाले परिवार को टीकाकरण करवाने के लिए राजी किया जा सके |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि समुदाय को यह बताना  बहुत जरूरी है कि टीका लगने के बाद बुखार आए या टीका लगने के स्थान पर कोई फुंसी हो तो घबराने की जरूरत नहीं है | यह अपने आप ठीक हो जाएगा | इस पर कुछ लगाएं नहीं और न ही इसे बार-बार स्पर्श करें  | 
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार वर्मा ने कहा कि टीकाकरण  बच्चों को कुपोषण  से भी बचाता है ।  शिशु एवं बालमृत्यु दर में कमी लाने का मुख्य कारण नियमित टीकाकरण भी है  । नियमित टीकाकरण के प्रति समुदाय को जागरूक करने की आवश्यकता है कि टीकाकरण से बच्चा सुरक्षित रहता है  व संक्रमण से बचाव होता  है।
गर्भवती को टिटेनस और वयस्क डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाता है | बच्चों को बीसीजी, पीवीसी (न्यूमोकॉकल कोन्जुगेट वैक्सीन), पेंटावेलेन्ट, हिपेटाईटिस,  जेई,  टिटेनस पोलियो, एमआर और रोटा वायरस का टीका लगाया जाता है |  उन्होंने टीका न लगवाने वाले परिवारों की सूची बनाने के निर्देश दिए | 
इस अवसर पर यूनिसेफ की जिला समन्वयक बंदना त्रिपाठी ने पीपीटी के माध्यम से नियमित टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी |
इस मौके पर सभी नगरीय एवं ग्रामीण  स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित  रहे |