Raibareli-धरती का सुहाग उजाड़ने में आमादा दिख रहे बेखौफ वनमाफिया*

Raibareli-धरती का सुहाग उजाड़ने में आमादा दिख रहे बेखौफ वनमाफिया*

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*सरेनी में लकड़ी माफियाओं के हौंसले बुलंद,धड़ल्ले से हो रहा पेड़ों का कटान*

*वन विभाग पर भी ठेकेदारों से मिलीभगत का आरोप*

*तमाशाई की भूमिका में नजर आ रही पुलिस*

*पेड़ों के कटान से लगातार बढ़ रहा है ग्लोबल वार्मिंग का खतरा*

*शिकायत के बाद वन विभाग के कर्मियों द्वारा लकड़ी काटने वाले ठेकेदारों पर थोड़ा बहुत जुर्माना लगाकर रफा-दफा कर दिया जाता है मामला*

रायबरेली-सरेनी क्षेत्र में हरे पेड़ों का कटान धड़ल्ले से जारी है!एक ओर सरकार द्वारा पेड़ बचाओ अभियान चलाकर खानापूर्ति की जा रही है!वहीं दूसरी ओर साठ-गांठ कर हरे पेड़ धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं!वहीं जिम्मेदार कटान रोकने में नाकाम नजर आ रहे हैं!बता दें कि सरेनी कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न गांवों में हरे पेड़ों का कटान ठेकेदारों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है!पेड़ों के कटान से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा लगातार बढ़ रहा है!पेड़ों के कटान के रोकथाम के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में वन विभाग के अफसर तैनात किए गए हैं,जिससे हरे पेड़ों को सुरक्षित रखा जा सके!वहीं पेड़ों की सुरक्षा के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं!जिसका नतीजा धरातल पर शून्य नजर आ रहा है!लकड़ी कटान करने वाले ठेकेदारों के बुलंद हौंसलों के चलते धड़ल्ले से आए दिन हरे पेडों का कटान जारी है!वन विभाग के आला अफसर मूकदर्शक बने दिखाई दे रहे हैं!जिसकी वजह से पेड़ों के कटान पर रोक नहीं लग पा रही है!क्षेत्रीय लोग शिकायत करते हैं कि वन विभाग के कर्मियों द्वारा लकड़ी काटने वाले ठेकेदारों पर थोड़ा बहुत जुर्माना लगाकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है,जो कि नकारा नहीं जा सकता है!

*जिम्मेदारों की लापरवाही से हो रही हरे पेड़ों की कटान*

सरेनी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत अंधाधुंध तरीके से हो रहे हरे पेड़ों की कटान से पर्यावरण असंतुलन का खतरा मंडरा रहा है!वन विभाग एक तरफ पौधरोपण कराकर पेड़ों की संख्या में इजाफा करने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी ओर विभागीय कर्मी व पुलिस की सांठगांठ से हरे पेड़ों की कटान जारी है!सूखे पेड़़ व डाल काटने के नाम पर ठेकेदार हरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं!जबकि ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी वन विभाग व स्थानीय पुलिस को नहीं रहती है बल्कि वन विभाग व स्थानीय पुलिस अपना-अपना हिस्सा लेकर वनमाफियाओं को संरक्षण प्रदान करते हैं!कभी-कभी तो सूचना के बाद भी जिम्मेदार मौके पर जाना मुनासिब नहीं समझते हैं और यदि शिकायत के बाद नौकरी बचाने के डर से जाते भी हैं तो महज औपचारिकता कर वनमाफियाओं को सुरक्षित कर या अन्य कोई बचाव का रास्ता बताकर खानापूर्ति करते हुए वापस आ जाते हैं!

*वन विभाग की दुहाई देकर पल्ला झाड़ लेती है पुलिस*

वनमाफिया इतने शातिर हैं कि दिन में कटने वाली लकड़ी को रात में ट्रकों और ट्रैक्टरों में लोडिंग कर बिंदकी व क्षेत्र की आरा मशीनों और बाहरी जनपदों में भेज देते हैं!इस कटान को लेकर पुलिस व वन विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है!सरेनी में हरे भरे बागों को काटने का मामला कोई नया नहीं है!वनमाफिया बाग के हरे-भरे फलदार वृक्षों को जड़ से साफ कर रहे हैं!लकड़ी भी रातों रात साफ कर देते हैं!सबसे अहम बात तो यह है कि वनों की रक्षा करने के लिए बनाया गया महकमा भी इधर आंख मूंदे है!पुलिस वनों की कटान को लेकर वन विभाग की दुहाई देकर पल्ला झाड़ लेती है!

*सोशलमीड़िया में आय दिन वायरल होते रहते हैं वीडियो*

सरेनी में प्राय: हरे पेड़ों की कटान आम बात हो गई है!जिम्मेदार अपना हिस्सा लेकर धृतराष्ट्र बन जाते हैं!आय दिन सोशलमीडिया में बेखौफ वनमाफियाओं द्वारा हरे पेड़ों की लकड़ियों से लदी ट्रैक्टर ट्रालियों के वीडियो वायरल होते हैं,बावजूद जिम्मेदार कुंभकर्णीय नींद में सोए हुए हैं!हरे पेड़ों की लकड़ियों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां प्रमुख चौराहों व गांवों के रास्तों से गुजरती हैं लेकिन किसी भी जिम्मेदार की नजर इस ओर नहीं जाती है,जो कि जिम्मेदारों को संदेह के घेरे में खड़ा करती है!