एक दशक तक मलाई काटते रहे छांगुर के मददगार, ताबड़तोड़ कार्रवाई होने पर बन गए विरोधी

धर्मांतरण का आरोपी छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के साथ एक दशक तक लोगों ने मलाई काटी। अब सहयोगियों पर हो रही कार्रवाई के बाद अन्य मददगारों के होश उड़े हुए हैं। कुछ तो छांगुर के विरोधी बन गए और पुलिस और जांच एजेंसी के लिए काम कर रहे हैं।
हालांकि जांच एजेंसी की निगाह उन पर भी है। मौका पड़ने पर उन पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है।
बहराइच के उतरौला और उसके आसपास ग्रामीण इलाकों में सक्रिय सफेदपोश छांगुर से रकम की वसूली कर रहे थे। बीते दो साल से जब से उस पर पुलिस और एटीएस की नजर पड़ी तभी से उसे मददगार ब्लेक मेल करने लगे। कुछ ने तो छांगुर से करोड़ों की रकम वसूली और शो रूम खड़े कर लिए। एटीएस के लखनऊ में 14 आरोपियों में दर्ज रिपोर्ट में एक सहयोगी शामिल है जिसकी जिम्मेदारी हर विरोध करने वाले का मुंह बंद करने की थी। उसने कई विदेश यात्राएं भी की हैं। जांच में पता चला है कि उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। उसके बावजूद वह महंगी गाड़ियों के काफिले के साथ चल रहा है। वह जांच एजेंसी की नजर में है जल्द ही उस पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद सनसनी
उतरौला कोतवाली में छांगुर के सहयोगिहयों पर एक अन्य एफआईआर दर्ज होने के बाद सनसनी फैल गई। सूत्रों का कहना है कि एटीएस धीरे धीरे शिकंजा कस रही है। कुछ बड़े नामों पर बाद में बड़ी कार्रवाई होगी। माना जा रहा है। इसी सप्ताह कई और एफआईआर हो सकती है।
धर्मांतरण के छह महीने तक दूसरे शहरों में पढ़ाता था शरीयत का पाठ
लव जिहाद में फंसे युवक-युवतियों को दह महीने दूसरे शहरों में रखकर उन्हें शरीयत का पाठ पढ़ाता था। खासतौर से युवतियों के लिए नीतू रोल मॉडल के तौर पर पेश की जाती थी। शरीयत का पाठ पढ़ाने के लिए बलरामपुर, श्रवास्तवी और बहराइच जिलों के मौलवी लगते थे। उनकी क्लास मदरसों में अलग से लगाई जाती थी। ताकि वह वहां का माहौल देख सके। ऐसा जांच एजेंसी की पूछताछ में छांगुर ने कबूलनामा भी किया है।
दरअसल धर्मांतरण के जाल में फंसने वाली लड़कियां कम उम्र की होती थी। उन्हें दूसरे मजहब के बारे में गहन जानकारी देने का काम बेहद सलीके से होता है। छह महीने के भीतर कुछ को धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने की भी जानकारी हो जाती है। जो लड़की जितनी पढ़ी लिखी होती थी वह उतनी ही जल्दी शरीयत का ज्ञान हासिल कर लेती थी। छांगुर और उसकी टीम की ओर से शरीयत के पालन को लेकर सिर्फ नसीहत दी जाती थी। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच में यह बात भी सामने आई है कि हाई प्रोफाइल मामलों में छांगुर ने ढील दे रखी थी कि हिजाब पहने या नहीं पहने।
छांगुर ने यह बात स्वीकारी है कि धर्मांतरण करने वाली अधिकतर लड़कियां शरीयत को मानने को लेकर पाबंद हो जाती थी। हालांकि कुछ मामलों में युवकों ने लड़कियों पर कड़ाई भी है और जबरदस्ती उन्हें हिजाब में रहने का दबाव बनाया है। लव जिहाद करने वाले युवका की भी जल्द ही एटीएस गिरफ्तारी करेगी। उनकी गिरफ्तारी के बाद काला सच सामने आएगा।


