Raibareli-सरेनी के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर शहीदों की शहादत को श्रद्धा पूर्वक किया गया नमन*

Raibareli-सरेनी के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर शहीदों की शहादत को श्रद्धा पूर्वक किया गया नमन*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों बच्चों ने राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत गीत व नृत्य किये प्रस्तुत*

*शहीद स्मारक परिसर में शहीदों की स्मृति में कवि सम्मेलन का भी किया गया आयोजन*

सरेनी-रायबरेली-सरेनी के ऐतिहासिक शहीद स्मारक पर शुक्रवार को शहीद दिवस के अवसर पर उनकी शहादत को श्रद्धा पूर्वक नमन किया गया!पूर्व विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह,शहीद स्मारक सरेनी ट्रस्ट के महासचिव अशोक श्रीवास्तव तथा प्रभारी निरीक्षक  हरिकेश सिंह,खंड विकास अधिकारी शिव बहादुर सिंह की अगुवाई में शहीद स्मारक सरेनी में सैकड़ों लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की!अशोक श्रीवास्तव की ओर से प्रस्तुत किए गए शोक गीत "वो धन्य सरेनी के शहीद!आये थे करने बाजार यहां! करने अपना व्यापार यहां!जीवन देकर कर ली खरीद!वो धन्य सरेनी के शहीद" पर सभी की आंखें नम हुई!इसके उपरांत ए.बी.एस. पब्लिक स्कूल की छात्राएं अंजलि,आस्था व महक की ओर से प्रस्तुत की गई सरस्वती वन्दना से बच्चों के संस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ!इसके बाद क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों बच्चों ने राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत गीत,नृत्य प्रस्तुत किये!इसके उपरांत स्थानीय शहीद स्मारक परिसर में शहीदों की स्मृति में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया!इसमें वाणी पुत्रों ने अपनी-अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया!कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह व अशोक रामपुरी के संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुआ!कवियित्री रुचि द्विवेदी ने वाणी वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम को गति दी!इसके बाद उन्होंने पढ़ा प्रेम पढ़ना तो प्राण पढ़ लेना में अर्जुन के बाण पढ़ लेना चुप्पियों में भी शोर मेरे मन का पुराण पढ़ लेना!शिव किशोर तिवारी खंजन की न कोई आपस में दंगा रहे प्रेम की हर दिल में बहती गंगा रहे हम रहे ना रहे तुम रहो ना रहो पर यह लहराता तिरंगा रहे पंक्तियां सराही गई! कभी हम गुनगुनाते हैं कभी आंसू बहाते हैं तुम्हारी याद के हर पल हमेशा याद आते हैं पधारो मंच पर आकर सही दे पंच परमेश्वर तुम्हारी याद में साहित्य की गंगा बहाते हैं प्रमोद पंकज की पंक्तियों ने वाहवाही लूटी!हास्य कवि मधुप श्रीवास्तव नर कंकाल की न हिंदू चही न मुसलमान चही वतन पर मर मिटे वह इंसान चही तुमका का चाही कश्मीर तो ले जाओ शाहबाज मगर हमका तो पूरा-पूरा पाकिस्तान चाही पंक्तियों से पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा!अंत में सतीश कुमार सिंह ने बच्चों की परवरिश में मां की जिम्मेदारी ज्यादा है अभिमन्यु

 मारा जाएगा मां जब जब सो जाएगी पंक्तियां पढ़कर कवि सम्मेलन का समापन किया! अध्यक्षता पूर्व विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह व संचालन कमलेश कुमार ने किया!आभार अशोक श्रीवास्तव ने व्यक्त किया!इस मौके पर चंद्र प्रकाश शुक्ला,पुल्लू साहू,उमेश तिवारी,जय किशन शुक्ला,अनूप पांडेय,सूर्यबली सिंह,चन्द्र प्रकाश शुक्ला,सतपाल सिंह,पप्पू सिंह,रवीन्द्र सिंह,सुन्दर सिंह,शशीकांत त्रिवेदी,बालकृष्ण आदि मौजूद रहे!अंत में कोषाध्यक्ष नीरज श्रीवास्तव ने शहीद परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया व सभी का आभार ज्ञापित किया!