राजधानी के बुद्धा ऑडिटोरियम में सजी हुनरबाजो की महफिल

राजधानी के बुद्धा ऑडिटोरियम में सजी हुनरबाजो की महफिल

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

" याराओं "

- सिंगिंग, स्टोरी टेलिंग, पोएट्री, स्टैंडअप, रैपिंग समेत तमाम विधाएं हुईं शामिल

- विजयी प्रतिभागियों को किया गया सम्मानित

- मोहन मुन्तज़िर व अमित हर्ष की गज़लों ने जीता सभी का मन

लखनऊ-जिले के बुद्धा ऑडिटोरियम में याराओं टीम का पहला टैलेंट हंट शो आयोजित हुआ । इस कार्यक्रम के व्यवस्थापक डॉ गोविंद यादव व अतुल कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम जनपद के हुनरबाजो के लिए आयोजित किया गया था । इस कार्यक्रम में पोएट्री, स्टोरी टेलिंग, सिंगिंग, स्टैंडअप और रैपिंग समेत तमाम विधाओं में इच्छुक प्रतिभागियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया । बुद्धा रिसर्च इंस्टीट्यूट एंड ऑडिटोरियम में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में डॉ कृष्ण कुमार सिंह, डॉ विमलेश चौधरी, आमिर फैज़ल, शिवम तिवारी , भुवन जी आदि विशिष्ट अतिथियों के रूप में मौजूद रहे । विभिन्न प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका में अपनी अपनी विधा के माहिर शख्सियतों ने निर्णय सुनाया । कवि मोहन मुंतजिर, एडवोकेट अमित हर्ष ,कॉमेडियन सतीश श्रीवास्तव, गायिका मेघना मिश्रा, गायिका मोनिका श्रीवास्तव आदि बड़े मंचों के सशक्त व्यक्तित्व निर्णायक के रूप में रहे । प्रथम स्थान पर दर्द फ़ैज़ खान, द्वितीय स्थान पर श्रुति श्रीवास्तव व तृतीय स्थान पर प्रज्ञा श्रीवास्तव रहीं । शादिल सिद्दीकी, तास्फिया फ़ातिमा, अरविंद फनकार, जान्हवी श्रीवास्तव, आफ़ताब आदि विजयी हुए । सभी विजयी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन राशि, मेडल, प्रमाण पत्र, मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया । व्यवस्थापक टीम में हर्ष कुमार, आयुष सिंह, अभिषेक दीक्षित, रोहित चौधरी, प्रभात दीक्षित, दीप सिंह 'दीपक' , शिखर शर्मा, कृष्णा यादव , प्रिंसी मिश्रा , जानवी श्रीवास्तव, सचिन शर्मा आदि रहे । श्री साकिब अहमद , शबीहा ख़ानम लैला व श्री रेयाल अहमद ने स्पेशल परफ़ॉर्मर के रूप में शिरकत की । उक्त कार्यक्रम में नैनीताल मोमोज़ (श्री रंजीत सिंह) , कायस्थ परिवार, राजपूत ब्रो'स आदि प्रायोजक के रूप में रहे । यराओं टीम ने प्रायोजकों को भी सम्मान पत्र प्रदान किया । याराओ के अध्यक्ष अतुल कुमार ने बताया कि कार्यक्रम की वीडियो मुशायरा मीडिया के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होंगी । अंत में डॉ गोविंद यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया । टीम द्वारा एक मुशायरे व कवि सम्मेलन के आयोजन की तैयारी है। कार्यक्रम का संचालन शिखर शर्मा ने किया ।


इनसेट

महफ़िलो में मेरा हर शेर मुकर्रर हो जाये

लखनऊ । हर्ष कुमार ने पढ़ा ' इसी आस में लिखते रहते हैं रात भर, महफिलों में मेरा हर शेर मुकर्रर जाए ' तो तालियों से सभागार गूंज गया । ' बहुत महंगी हैं खुशियां इस जमाने में, लोग मुस्कुराने का बदला दिल तोड़कर लेते हैं ' पढ़कर अतुल ने सभी का मन मोहा । युवा कवि आयुष सिंह ने ' तुम्हारे लिए बस एक काफी हैं हम ,जवानों की महफिल के हाफ़ी हैं हम' पढ़कर महफ़िल लूटी । डॉ गोविंद यादव ने 'वो प्यार नहीं जताता, मैं गम नहीं दिखाता, और गर महसूस होता उसको तो वो लौट आता' , दीप सिंह 'दीपक' ने 'बहुत है हुस्न की परियां मगर तुम सा यहां कोई , न देखा है कभी , ना देखने की चाह रखता हूं ' , सचिन शर्मा ने ' क़लम कच्ची है अभी उस्ताद होने में वक्त लगेगा, शायर बना कहां हूं अभी बर्बाद होने में वक्त लगेगा ' , शिखर शर्मा ने 'वचनबद्ध हौ तज सिंहासन,वन की तरफ प्रस्थान करें, भाई प्रेम में राज करी,आज उन खेड़ाओं का ध्यान करें ' ,अविजित अमन ने ' एक काम तुमको ज़रा, मैं मुश्किल दे रहा हूं, यार संभाल कर रखना, मैं अपना दिल दे रहा हूं ' , रोहित ने ' लहू से है लतपत तिरंगे से लिपटा,धरा का है बेटा धरा पे पड़ा, उस माँ के दिल से भी पूछो ज़रा, जिसके आँचल मे सोया , पला और बढ़ा ' , प्रिंसी मिश्रा ने ' क़द्र यूं हर्फ़-ए-सुख़न की, ज़र्फ़ महफ़िल की ज़िया है, फ़र्द  आए  थे   यहाँ   यूं,  साज़  फ़ुर्क़त  के  सुना  दें ' पढ़कर सभागार में उपस्थित श्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया ।